संस्कारशाला के लेख से छात्र-छात्राओं ने ली शिक्षा
दैनिक जागरण की ओर से आयोजित संस्कारशाला सार्वजनिक संपत्ति का सम्मान विषय पर हिमालयन एकेडमी अकौंधा में कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें प्रधानाचार्य मयंक कौशिक ने छात्र-छात्राओं को सार्वजनिक संपत्ति के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि हमारा भी कर्तव्य है कि हम इस धरोहर को संभालकर रखें।
जेएनएन, बिजनौर। दैनिक जागरण की ओर से आयोजित संस्कारशाला 'सार्वजनिक संपत्ति का सम्मान' विषय पर हिमालयन एकेडमी अकौंधा में कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें प्रधानाचार्य मयंक कौशिक ने छात्र-छात्राओं को सार्वजनिक संपत्ति के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि हमारा भी कर्तव्य है कि हम इस धरोहर को संभालकर रखें। साथ ही उसे नुकसान न पहुंचाएं। सरकार द्वारा बनाई गई यह सार्वजनिक संपत्ति जनता के लिए ही होती है। कार्यशाला में छात्र-छात्राओं ने उत्साह के साथ सार्वजनिक संपत्ति के महत्व को समझा।
गुरुवार को दैनिक जागरण में संस्कारशाला के तहत प्रकाशित लेख के बारे में प्रधानाचार्य छात्र-छात्राओं को जानकारी देते हुए कहा कि आज के दौर में देखा जा रहा है व्यक्ति बहुत लापरवाह हो गया। वह सार्वजनिक संपत्ति को ध्यान रखने के बजाए उसे ही नुकसान पहुंचा रहा है। सड़कों पर कचरा पड़ा दिखाई देता है तो पुरानी सरकारी बिल्डिंग में गंदगी का अंबार देखने को मिलता है, जबकि सरकार के साथ-साथ हमारा भी दायित्व बनता है कि उक्त संपत्ति का ध्यान रखें। बताया कि आंदोलन के नाम पर लोगों द्वारा सार्वजनिक स्थलों को नुकसान पहुंचाया जाता है, जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को इसके प्रति जागरूक रहने और सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखने का आह्वान किया। कहा कि सरकार के साथ-साथ जनता को भी इसमें सहयोग करना चाहिए। विद्यार्थी वर्ग भी लोगों को सजग कर सकता है। प्रबंधक तापेंद्र कुमार ने भी विचार रखे।
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क्या बोले छात्र-छात्राएं
दैनिक जागरण में प्रकाशित लेख ने मुझे बहुत सीख दी है। प्रधानाचार्य द्वारा बताई गई बातों को ध्यान से सुना और उन्हें अपने जीवन में आत्मसात करने का निर्णय लिया। सरकारी संपत्ति की सुरक्षा बहुत जरूरी है। जनता को आगे आना होगा।
-निदा हसन
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-निमिषा
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दैनिक जागरण में प्रकाशित लेख को पढ़ने के बाद कुछ नया सीखने को मिला। प्रधानाचार्य द्वारा लेख के माध्यम से जागरूक होने का संदेश दिया गया है। उनके द्वारा बताई गई बातें मार्ग दर्शन कराने वाली हैं। यह अलग प्रकार की सीख है।
-सौरभ
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सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा को लेकर कोई आगे नहीं आता है। दैनिक जागरण के लेख और कहानी ने अलग मुद्दा उठाया है। यह छात्र-छात्राओं के लिए भी अलग प्रकार की सीख है। संस्कारों के साथ-साथ इस लेख ने उनका ज्ञान भी बढ़ाया है।
-कनक