मजबूत इरादों ने नहीं डिगने दिया सतनाम कौर का आत्मविश्वास

विपरीत परिस्थितियां और कठिन समय कई बार लोगों को झकझोर देता है। सब कुछ उजड़ा और बिखरा हुआ लगने लगता है। लेकिन हौसला और आत्मविश्वास हो तो विपरीत परिस्थितियों से भी लड़ा जा सकता है। नगर निवासी सतनाम कौर इसकी मिसाल हैं। जिन्होंने अपने बुरे समय में आत्मविश्वास को नहीं टूटने दिया। भले ही उन्होंने संघर्षपूर्ण जीवन जिया हो लेकिन परिवार को पालने के लिए किसी के आगे हाथ नहीं फैलाए।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 10:39 AM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 10:39 AM (IST)
मजबूत इरादों ने नहीं डिगने दिया सतनाम कौर का आत्मविश्वास
मजबूत इरादों ने नहीं डिगने दिया सतनाम कौर का आत्मविश्वास

जेएनएन, बिजनौर। विपरीत परिस्थितियां और कठिन समय कई बार लोगों को झकझोर देता है। सब कुछ उजड़ा और बिखरा हुआ लगने लगता है। लेकिन हौसला और आत्मविश्वास हो तो विपरीत परिस्थितियों से भी लड़ा जा सकता है। नगर निवासी सतनाम कौर इसकी मिसाल हैं। जिन्होंने अपने बुरे समय में आत्मविश्वास को नहीं टूटने दिया। भले ही उन्होंने संघर्षपूर्ण जीवन जिया हो, लेकिन परिवार को पालने के लिए किसी के आगे हाथ नहीं फैलाए। रात दिन सिलाई करते हुए बच्चों का पाला और काबिल बनाया। अब वह समाज सेवा से जुड़कर लोगों को प्रेरित कर रही हैं।

कस्बे के मोहल्ला कबीरनगर निवासी सतनाम कौर के पति बलवंत सिंह की करीब 30 वर्ष पूर्व मृत्यु हो गई। उसके बाद तो जैसे उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। नौ साल के पुत्र अवतार सिंह की परवरिश की जिम्मेदारी उनके ऊपर आन पड़ी। व्यापार भी नहीं था, लेकिन, बेटे के लालन-पालन के साथ-साथ अन्य जिम्मेदारियां भी संभालनी थीं। सभी रास्ते बंद दिखाई दे रहे थे, लेकिन उन्होंने अपना इरादा मजबूत किया और कुछ करने की ठान ली। बेटे की परवरिश के लिए रातोंरात कपड़ों की सिलाई शुरू की। हालांकि, पुत्र ज्यादा शिक्षा तो प्राप्त नहीं कर सका। लेकिन, धीरे-धीरे उसने अपना व्यापार खड़ा किया। उसके बाद उसने पैरों पर खड़ा होकर व्यापार के क्षेत्र में ही अच्छा मुकाम हासिल कर मां के सपनों को साकार किया।

इतनी विषम परिस्थितियों में भी उन्होंने गुरु घर की सेवा को भी नहीं छोड़ा। करीब तीन दशक से वह गुरुद्वारा कमेटी के तत्वावधान में निकलने वाली प्रभातफेरी का संचालन जीवन के सात दशक पूरे करने के बाद बखूबी करती आ रही हैं। इसके अलावा समाज को एकजुट कर उनके सुख-दुख को दूर करने के लिए माई भागो दल का गठन कर ढाई दशक से अध्यक्ष का दायित्व संभाले हुए हैं। कहा जाए तो सतनाम कौर नारी सशक्तिकरण की मिसाल बनकर महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बनी हुई हैं।

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