कीर्तन से मिलती हैं पाप और संतापो से मुक्ति
गांव शादीपुर में श्रीमद भागवत कथा के दौरान कथावाचक पंडित मधुकर द्विवेदी ने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा मानव जीवन को संस्कार प्रदान करती है ।
बिजनौर,जेएनएन। गांव शादीपुर में श्रीमद भागवत कथा के दौरान कथावाचक पंडित मधुकर द्विवेदी ने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा मानव जीवन को संस्कार प्रदान करती है । जैसे वेदव्यास जी अपने पुत्र श्री शुकदेव को संस्कार देने के लिए पुत्र-पुत्र कहकर उनके पीछे दौड़ते हैं, उसी तरह श्रीमद् भागवत कथा हमारे गौरवशाली इतिहास को बता कर मनुष्य को श्रेष्ठ धर्म का आचरण करते हुए मानव जीवन को धन्य बनाकर इसी तरह से परमात्मा से साक्षात्कार करने की प्रेरणा देती है । सत्य आदि युगो की अपेक्षा कलयुग को अधिक महत्व प्रदान किया गया है, क्योंकि कलयुग में एकमात्र श्रद्धा पूर्वक भगवान का कीर्तन करने से मानव समस्त पाप संतापों से मुक्त हो सकता है। श्रीमद् भागवत कथा में मुख्य यजमान आदित्य वीर सिंह तथा स्वाति चौधरी रहे । भागवत कथा में पंडित महिमानन्द द्विवेदी, पंडित मुकेश शर्मा, पंडित रवि शर्मा, भास्कर द्विवेदी ,नवनीत मौर्य आदि का सहयोग रहा।