बुजुर्गो की सेवा से मिलती है जीवन में सफलता

दैनिक जागरण की ओर से आयोजित संस्कारशाला की साझेदारी व सेवा की कद्र विषय पर गुरुवार को शिखर शिशु सदन सीनियर सेकेंडरी स्कूल में कार्यशाला का आयोजन हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Oct 2019 09:25 PM (IST) Updated:Fri, 18 Oct 2019 06:17 AM (IST)
बुजुर्गो की सेवा से मिलती है जीवन में सफलता
बुजुर्गो की सेवा से मिलती है जीवन में सफलता

बिजनौर, जेएनएन : दैनिक जागरण की ओर से आयोजित संस्कारशाला की साझेदारी व सेवा की कद्र विषय पर गुरुवार को शिखर शिशु सदन सीनियर सेकेंडरी स्कूल में कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यशाला में प्रधानाचार्या आशा त्यागी ने विद्यार्थियों को मानव जीवन में सेवा के महत्व के बारे में जानकारी दी। कहा कि विद्यार्थी जीवन से ही छात्र-छात्राओं को अपने जीवन में सेवा भाव की प्रवृत्ति को समाहित करना चाहिए। अपने घर में बुजुर्गों की सदैव सेवा करनी चाहिए, जिससे उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जा सके। बुजुर्गो के आशीर्वाद व दुआओं से ही जीवन में सफलता प्राप्त की जा सकती है।

विद्यालय परिसर में आयोजित कार्यशाला में प्रधानाचार्या आशा त्यागी ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने आसपास और समाज में जरूरतमंदों के की सेवा करनी चाहिए, निस्वार्थ भाव से किसी की सेवा करने से आत्म संतुष्टि प्राप्त होती है और जीवन तनाव मुक्त बनता है। जिस प्रकार किसी भी अच्छे कार्य की शुरुआत व्यक्ति को स्वयं ही करनी पड़ती है, उसी प्रकार समाज सेवा की शुरुआत भी हमें अपने ही घर से करनी चाहिए। सबसे पहले हमें अपने घर के बड़े-बुजुर्गों की सेवा करनी चाहिए। आज की भाग दौड़ भरी जिदगी में हमें समय ही नहीं हैं, अधिकांश घरों में माता-पिता दोनों जॉब करने लगे हैं। ऐसे में वे बच्चों को समय नहीं दे पाते हैं, इस स्थिति में घर में मौजूद बुजुर्ग भी उपेक्षा का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में घर के बच्चों को अपने दादा-दादी, नाना-नानी आदि के साथ समय बिताना चाहिए। उनके पास बैठ कर बच्चों को उनके जीवन के संघर्षो और उनसे मिलने वाली सीख के बारे में जानकारी मिलेगी। साथ ही उनकी सेवा करने से बुजुर्ग आशीर्वाद देते हैं, इससे जीवन में सफलता मिलती है।

वहीं, बच्चों को समाज के जरूरतमंदों और गरीबों की सेवा करने के लिए भी प्रेरित किया गया। प्रधानाचार्या ने कहा कि हर व्यक्ति को जीवन में साझेदारी और सेवा का महत्व समझना चाहिए। सेवा से ही फल मिलता है। किसी भी भूखे को रोटी खिलाने और गरीब की सहायता करने से जो आत्म सुख की अनुभूति होती है, उसके समान कोई खुशी नहीं है। अभिभावकों को भी अपने बच्चों को इसके लिए प्रेरित करते हुए जीवन में आगे बढ़ना चाहिए। प्रधानाचार्या आशा त्यागी ने विद्यार्थियों को बुजुर्गों व समाज में जरूरतमंदों की सेवा सच्चे मन से करने का सुझाव दिया। इस दौरान विद्यार्थियों को साझेदारी और सेवा के गुण बताए गए। सभी को इसके लिए संकल्प भी दिलाया गया।

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