वैज्ञानिक मनोवृत्ति को तार्किंग रूप से सोचना जरूरी

दैनिक जागरण की ओर संचालित संस्कारशाला के क्रम में गुरुवार को साईं इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल हल्दौर बिजनौर में कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यशाला में प्रधानाचार्य अतुल कुमार गोस्वामी ने छात्रों को वैज्ञानिक मनोवृत्ति विषय पर प्रकाशित लेख पढ़कर सुनाया। विद्यार्थियों ने वैज्ञानिक मनोवृत्ति को पहले समझा और फिर उस पर अपने विचार व्यक्त किए।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 10:56 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 10:56 PM (IST)
वैज्ञानिक मनोवृत्ति को तार्किंग रूप से सोचना जरूरी
वैज्ञानिक मनोवृत्ति को तार्किंग रूप से सोचना जरूरी

जेएनएन, बिजनौर । दैनिक जागरण की ओर संचालित संस्कारशाला के क्रम में गुरुवार को साईं इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल हल्दौर बिजनौर में कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यशाला में प्रधानाचार्य अतुल कुमार गोस्वामी ने छात्रों को वैज्ञानिक मनोवृत्ति विषय पर प्रकाशित लेख पढ़कर सुनाया। विद्यार्थियों ने वैज्ञानिक मनोवृत्ति को पहले समझा और फिर उस पर अपने विचार व्यक्त किए।

प्रधानाचार्य अतुल कुमार गोस्वामी ने बताया कि हमें तार्किक रूप से सोचना चाहिए। किसी भी घटना के पीछे वैज्ञानिक आधार खोजने की कोशिश करनी चाहिए। वैज्ञानिक मनोवृत्ति हमारे अंदर अन्वेषण की प्रवृत्ति विकसित करती है। विवेकपूर्ण निर्णय लेने में सहायता करती है। वैज्ञानिक मनोवृत्ति का निर्माण तभी हो सकता है जब हम अपने अज्ञान को स्वीकार करें और जवाबों की खोज करें। सूचना क्रांति और वैज्ञानिक युग में जीवन व्यतीत करने के बावजूद हमारे समाज का एक बहुत बड़ा वर्ग आज भी निर्मूल धारणाओं और अंधविश्वासों से घिरा हुआ है। आज हमारी युवा पीढ़ी को हमारी परंपराओं रीति-रिवाजों के पीछे वैज्ञानिक दृष्टिकोण समझाने की आवश्यकता है। छात्रों की राय-

वर्तमान युग विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का है ढ्ढ ऐसे समय में हमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना होगा ढ्ढ विज्ञान की शिक्षा का प्रचार प्रसार करना होगा तभी हम लोगों में वैज्ञानिक मनोवृत्ति और वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित कर सकेंगे और समाज को अंधविश्वास से बचा पाएंगे।

-वसुंधरा सिंह, कक्षा 9

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प्रधानाचार्य के वैज्ञानिक मनोवृत्ति पर लेख से मैंने यह समझा कि हमें हर घटना एवं परिघटना के पीछे वैज्ञानिक आधार खोजना होगा ढ्ढ हमें किसी भी चमत्कार को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखना होगा। वैज्ञानिक मनोवृत्ति से ही राष्ट्र का विकास संभव है।

-स्वीटी लांबा, कक्षा 12

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प्रधानाचार्य के वैज्ञानिक मनोवृत्ति पर लिखे लेख से हमने समझा कि वैज्ञानिक मनोवृत्ति जीवन जीने का एक तरीका है। वैज्ञानिक मनोवृत्ति के अंतर्गत प्रश्न करना एवं अवलोकन करना आदि शामिल है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद-51 के अनुसार वैज्ञानिक मनोवृत्ति एक मौलिक अधिकार है।

-माहीनूर, कक्षा 10

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आज की दुनिया मे ऐसा कुछ भी नहीं जिसको हम वैज्ञानिक रूप से सिद्ध व प्रमाणित न कर सके। हमारे जीवन से लेकर हमारे मरण तक हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी चीज में विज्ञान छुपा हुआ है। हर जगह जो चीज समान है तो वो है विज्ञान। बस फर्क सिर्फ लोगों की सोच में है, कोई जादू समझता है तो कोई टोटका और लोगों की सोच निर्भर करती है।

-वत्सल भारद्वाज, कक्षा 11

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