फेफड़ों के लिए संजीवनी बना मास्क
-मास्क लगाने से फेफड़े होंगे मजबूत संवाद सहयोगी बिजनौर कोरोना संक्रमण से जहां लोग दस मा
जेएनएन, बिजनौर: कोरोना संक्रमण से जहां लोग दस माह तक परेशान रहे वहीं कोरोना काल में बचाव को बरती जा रही एहतियात संजीवनी साबित हो रही है। मास्क के इस्तेमाल की आदत प्रदूषण से बचाव के साथ ही सेहत की सौगात दे रहा है। चिकित्सकों का कहना है कि मास्क लगाने से मास्क लगाने से इंफ्लुएंजा, अस्थमा, सीओपीडी, टीबी, एलर्जी, साइनोसाइटिस, नेजल पॉलिप एवं प्रदूषण से बचाव समेत विभिन्न प्रकार के संक्रमण से बचाव होता है।
कोरोना काल में चिकित्सकों ने मास्क लगाने, शारीरिक दूरी का पालन करने एवं साबुन अथवा सैनीटाइजर से बार बार हाथ साफ करने पर जोर दिया है। इसका मकसद संक्रमण से बचाव करना है। मास्क लगाने से न सिर्फ कोरोना संक्रमण से बचा जा सकता है, वरन अन्य प्रकार से संक्रमण से भी पूरी तरह से बचाव संभव है। संक्रमण कई अन्य रोगों का जन्मदाता है।
वरिष्ठ फिजिशियन डा. राहुल विश्नोई बताते है कि मास्क लगाने से फेफड़े मजबूत होते हैं। किसी हद तक हीमोग्लोबिन का स्तर भी बढ़ता है। सांस रोगियों की स्थिति में सुधार होता है। यदि दो वर्षों तक मास्क का लगातार इस्तेमाल किया जाए तो टीबी संक्रमण पर काबू पाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि मास्क लगाने से प्रदूषण कारक तत्व शरीर में प्रवेश नहीं कर पाते हैं। शरीर में ऑक्सीजन सेचुरेशन (स्तर) बढ़ता है। इससे हीमोग्लोबिन बनाने वाले हार्मोंस सक्रिय होते हैं। शरीर के विभिन्न हिस्सों में ऑक्सीजन पहुंचाने की क्षमता भी बढ़ती है।मास्क लगाने से इंफ्लुएंजा, अस्थमा, प्रदूषण से बचाव, टीबी, सीओपीडी, एलर्जी, साइनोसाइटिस, नेजल पॉलिप समेत विभिन्न प्रकार के संक्रमण से किया जा सकता है। इतना ही नहीं नए मरीज भी सामने नहीं आएंगे। पिछले दस माह से लगातार मास्क लगाने के कारण छाती और सांस रोगियों की संख्या में गिरावट आई है।