नियमों की अनदेखी से खून से लाल हो रही सड़कें

दशहरा के दिन चार युवकों की मौत दुखद हादसा है। जिले में हादसों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन सड़कें खून से लाल हो रही हैं। बेतरतीब वाहन चलाने और नियमों की अनदेखी से सड़कें खून से लाल हो रही हैं। सबसे ज्यादा हादसों की वजह नशे में वाहन चलाना माना जा रहा है। तमाम जागरूकता और दावों के बाद भी जिले में हादसों को रोकने के लिए कोशिश फेल हो रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 11:24 AM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 11:24 AM (IST)
नियमों की अनदेखी से खून से लाल हो रही सड़कें
नियमों की अनदेखी से खून से लाल हो रही सड़कें

जेएनएन, बिजनौर। दशहरा के दिन चार युवकों की मौत दुखद हादसा है। जिले में हादसों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन सड़कें खून से लाल हो रही हैं। बेतरतीब वाहन चलाने और नियमों की अनदेखी से सड़कें खून से लाल हो रही हैं। सबसे ज्यादा हादसों की वजह नशे में वाहन चलाना माना जा रहा है। तमाम जागरूकता और दावों के बाद भी जिले में हादसों को रोकने के लिए कोशिश फेल हो रही हैं। लोगों की लापरवाही से भी जिले में सड़क हादसे बढ़े हैं।

दशहरा के दिन कार पलटने से चार नवयुवकों की मौत हो गई। एक बार फिर सिस्टम की लापरवाही सामने आई है। इस तरह के हादसे आए दिन हो रहे हैं। सड़कों पर खून बहा रहा है। किसी मां की कोख उजड़ रही है तो किसी का सिदूर। कई घरों के इकलौते चिराग बुझ चुके हैं। इसके पीछे नियमों की अनदेखी है। हर साल हादसों में करीब 400 से अधिक लोगों की जान जा रही है। इससे कहीं अधिक जख्मी हो रहे हैं। हादसों में 500 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इसके पीछे खराब सड़कें, नशे में वाहन चलाना, सीट बेल्ट और हेलमेट का प्रयोग नहीं करना माना जाता है। खराब सड़कें होने के बावजूद वाहनों को तेज रफ्तार से चलाया जाता है। ओवरलोड, जल्दबाजी और तेज स्पीड की वजह से भी हादसे हो रहे हैं। इस वजह से हादसों की संख्या बढ़ रही है। पुलिस-प्रशासन की ओर से जागरूकता अभियान चलाया जाता है, लेकिन हादसों पर असर नहीं दिखाई देता है।

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हादसों के सरकारी आंकड़े:

साल--दुर्घटना--मौत--घायल

2017--473---287---385

2018--556---373---381

2019--551---341---447

2020--340---255---310

2021--375---310---275

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