बारिश से टूटा पिछले 30 साल का रिकार्ड
बिजनौर जेएनएन। रविवार रात और सोमवार शाम तक लगातार हुई बारिश किसानों के लिए आफत बन
बिजनौर, जेएनएन। रविवार रात और सोमवार शाम तक लगातार हुई बारिश किसानों के लिए आफत बनकर हुई। मूसलाधार बारिश से सड़क से लेकर खेत तक जलमग्न हुआ। राहगीरों और किसानों को परेशानी उठानी पड़ी, लेकिन मौसम में ठंड बढ़ी। बारिश व हवा से खेतों में खड़ी धान एवं उड़द की फसल को नुकसान हुआ। खेत में कटी पड़ी धान की फसल को हानि हुई। कृषि विभाग द्वारा बीस प्रतिशत नुकसान का आंकलन लगाया गया है। पहाड़ी व मैदानी क्षेत्र में लगातार बारिश होने से नदियों में जलभराव हुआ।
इस साल जिले में 5,5,341 हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की रोपाई हुई थी। धान की फसल पक गई और उसकी कटाई चल रही है। काफी किसानों की धान कटाई हुए फसल जलमग्न हो गई। किसान, अधिकारियों के अनुसार कटा धान जलमग्न होने ज्यादा नुकसान है। उड़द की फसल जिले में 2,378 हेक्टेयर क्षेत्रफल में खड़ी है। इसके अलावा जनपद में रबी की फसल तिलहन की बुआई भी चल रही है। तिलहन की बुआई का लक्ष्य जिले में 8,933 हेक्टेयर क्षेत्रफल है। अभी करीब 15 से 20 प्रतिशत तिलहन की बुआई हो गई, जिन किसानों ने तिलहन की बुआई की है। उक्त खेत में पानी भराव होने से उन्हें नुकसान होने की संभावना है। मौसम में ठंड बढ़ गई।
-बारिश से टूटा पिछले 30 सालों का रिकॉर्ड
कोतवाली देहात : दो दिनो से लगातार हो रही बारिश ने गांव से लेकर जंगल तक जलभराव की स्थिति पैदा हो गई। नगीना अनुसंधान केंद्र के अनुसार 24 घंटो में जनपद में 185.4 एमएम बारिश हुई। मूसलाधार बारिश ने बीते 30 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। साल 2002 में पूरे अक्टूबर माह में बारिश का आंकड़ा सिर्फ 202 एमएम को ही छू पाया था। बादलों के बरसने का दौर सोमवार देर शाम तक चलता रहा। अनुसंधान केंद्र के मौसम प्रभारी सतीश कुमार की माने तो साल 2002 में पूरे अक्टूबर माह में सिर्फ 202 मिमी बारिश हुई थी। जबकि दो दिन में बारिश पड़ने का रिकॉर्ड 201.4 के आसपास पहुंचा गया है।
-चौतरफा जलभराव, राहगीर परेशान
धामपुर : पिछले दो दिनों से लगातार रुक-रुक कर हो रही बरसात ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। रविवार रात बरसात रुकने के बाद सोमवार तड़के करीब चार बजे लगातार तेज बारिश फिर से शुरू हो गई। दो दिनों में किसानों के खेतों और शहर के विभिन्न स्थानों पर जलभराव हो गया है। धामपुर सहित स्योहारा, रेहड़, अफजलगढ़, ऊमरी हरेवली और नहटौर आदि क्षेत्रों में किसानों की धान की फसल जलमग्न हो गई।
-उड़द व धान की फसल पर आफत
किसान हरिराज सिंह, मुख्तियार सिंह, सुनील चौहान, अरविद्र सिंह, दुष्यंत चौहान आदि का कहना है कि इसी तरह एक-दो दिन और बारिश हुई, तो धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो जाएगी। दाना भीग कर खराब हो जाएगा, जिससे पूरे क्षेत्र में किसानों को बड़ा नुकसान हो जाएगा। रेहड़ के गांव अमाननगर उर्फ हर्रावाला में वर्षा से धान की फसल गिर गई।
-मुआवजा दिलाने की मांग
हीमपुर दीपा : क्षेत्र में लगातार बारिश से जगह-जगह जलभराव हो गया। किसान गोपाल सिंह, रामपाल सिंह, रोहिताश, धीर सिंह परसराम सिंह, देशराज सिंह, तिरमल सिंह, मोहम्मद यासीन, दिलावर ने प्रशासन से धान की फसल का आंकलन कर मुआवजा दिलाने की मांग की है। उधर, जलीलपुर क्षेत्र में रविवार सुबह से हो रही मूलाधार बारिश से धान व आलू की फसल को भारी नुकसान होने की संभावना है। मूसलाधार बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी।
-इनका कहना है:-
लगातार बारिश से प्रथम ²ष्टिय धान, उड़द की फसल को बारिश से करीब 20 प्रतिशत हानि की संभावना है। अभी फील्ड स्टाफ से आंकलन कराया जा रहा है।
-डा. अवधेश मिश्रा, जिला कृषि अधिकारी