बारिश में गिरी किसान के घर की छत

बिजनौर जेएनएन। पिछले 24 घंटे से लगातार हो रही बारिश लोगों के लिए आफत से कम साबित नह

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 11:08 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 11:08 PM (IST)
बारिश में गिरी किसान के घर की छत
बारिश में गिरी किसान के घर की छत

बिजनौर, जेएनएन। पिछले 24 घंटे से लगातार हो रही बारिश लोगों के लिए आफत से कम साबित नहीं हुई। बारिश के चलते गांव स्थित एक गरीब किसान के मकान की कड़ियों की छत भरभराकर गिर गई। गनीमत रहीं कि उस दौरान छत के नीचे कोई नहीं था। छत गिरने से किसान व उसके परिवार को परेशानी झेलनी पड़ रही है। उन्होंने प्रशासन से सहायता की मांग की है।

गांव निवासी प्रेम सिंह त्यागी मजदूरी करता है। उसके एक या दो बीघा ही खेती है। उसका मकान की छत भी पुरानी कड़ियों वाली है। बारिश के चलते पहले तो छत टपक रही थी, लेकिन सोमवार को अचानक छत भरभराकर गिर गई। प्रेम सिंह त्यागी ने बताया कि पूर्व में उसने पक्के मकान के लिए आवेदन किया था, लेकिन उसे सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल सका। सोमवार को अचानक उसके मकान की छत बारिश के चलते गिर गई। उस दौरान छत के नीचे कोई नहीं था, जिससे हादसा टल गया। हालांकि, छत के मलवे के नीचे खाने-पीने का सामान, बर्तन व अन्य सामान दबकर खराब हो गया। पीड़ित का कहना है कि जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से उसने मकान बनवाने की फरियाद की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। प्रेम सिंह ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।

लकड़हान सहित नदियों का जलस्तर बढ़ा

संवाद सूत्र, मंडावली: मोटा महादेव-भागूवाला मार्ग पर लकड़हान, सूखा आदि नदियों का जलस्तर बढ़ने से आवागमन प्रभावित रहा। राहगीरों को कई किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय कर गंतव्य को रवाना होना पड़ा।

मंडावली क्षेत्र के मोटा महादेव-भागूवाला बाईपास मार्ग पर टांडारतन के निकअ सूखा नदी में जलस्तर बढ़ने से आवागमन प्रभावित हो गया। नियामतपुर गूड़ा जटपुरा बौंडा आदि गांव के लोगों को कई किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ी। नांगलसोती क्षेत्र में धान व गन्ने आदि की फसलें जलमग्न होने से किसान परेशान हैं। मूसलाधार बारिश होने से खेतों में पानी लबालब भर गया। वहीं गंगा खादर क्षेत्र में भी गंगा का जलस्तर बढ़ गया है। चारे व गन्ने की फसल को बारिश से फायदा पहुंचा है। रविद्र सिंह, श्याम सिंह, गोपाल सिंह, फूल सिंह, हरपाल सिंह, दिनेश कुमार आदि किसानों का कहना है कि बारिश से धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है। बारिश नहीं रुकी तो धान की फसल को ओर भी नुकसान पहुंचेगा।

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