स्टाफ की कमी से जूझ रही स्थायी लोक अदालत

जनता को शीघ्र सस्ता और सुलभ न्याय दिलाने के लिए स्थायी लोक अदालत की स्थापना जजी परिसर में की गई थी। स्थायी लोक अदालत में स्टाफ की कमी के कारण वादों के निस्तारण पर ब्रेक लग गए हैं। अब वादकारी को अपने मुकदमे में तारीख पर तारीख लेकर ही संतोष करना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 10:47 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 10:47 PM (IST)
स्टाफ की कमी से जूझ रही स्थायी लोक अदालत
स्टाफ की कमी से जूझ रही स्थायी लोक अदालत

बिजनौर, जागरण टीम। जनता को शीघ्र, सस्ता और सुलभ न्याय दिलाने के लिए स्थायी लोक अदालत की स्थापना जजी परिसर में की गई थी। स्थायी लोक अदालत में स्टाफ की कमी के कारण वादों के निस्तारण पर ब्रेक लग गए हैं। अब वादकारी को अपने मुकदमे में तारीख पर तारीख लेकर ही संतोष करना पड़ रहा है।

स्थायी लोक अदालत में वादकारी को मिलने वाले सस्ता, सुलभ और शीघ्र न्याय पर स्टाफ की कमी के कारण ग्रहण लग गया है। वादों की नियमित सुनवाई न होने के कारण नये वादों के दायर होने में भी कमी आ रही है। स्थायी लोक अदालत के सदस्य विनोद कुमार ने बताया कि स्थायी लोक अदालत में लगभग 130 वाद दर्ज हैं। कई वादों में सुनवाई पूरी होने के बाद आदेश में लगे है, उक्त वादों में स्टेनो के नहीं होने के कारण निर्णय नहीं हो पा रहा है। वर्तमान समय में स्थायी लोक अदालत में स्टाफ की भारी कमी चल रही है। पेशकार, स्टेनो, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने के बाद कई माह से स्थायी लोक अदालत में नियमित मुकदमों में तारीख देकर की काम चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि न्याय विभाग के सेवानिवृत्त स्टेनो, पेशकार को कुछ समय के लिए रखा गया था। समय सीमा समाप्त होने के बाद यह पद रिक्त चल रहा है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का पद भी एक वर्ष से अधिक समय से रिक्त चल रहा है। सदस्य विनोद कुमार ने बताया कि शासन को स्टाफ की कमी से अवगत करा दिया गया है। उक्त पदों पर नये स्टाफ की तैनाती के लिए लिखित में लखनऊ सूचना दी जा चुकी है, अब शासन से आने वाले आदेश पर नये स्टाफ की तैनाती का इंतजार है।

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