लोकमंगल, जनजागरण और वातावरण परिशोधन के लिए कराएं यज्ञ

शरद पूर्णिमा एवं महर्षि वाल्मीकि जयंती पर गायत्री शक्तिपीठ में पांच कुंडीय यज्ञ में आहुति दी गई। साथ ही विराट दीप यज्ञ में दीपों का प्रज्ज्वलन कर गायत्री माता से समाज में ज्ञान के प्रकाश की कामना की।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 06:39 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 06:39 PM (IST)
लोकमंगल, जनजागरण और वातावरण परिशोधन के लिए कराएं यज्ञ
लोकमंगल, जनजागरण और वातावरण परिशोधन के लिए कराएं यज्ञ

जेएनएन, बिजनौर। शरद पूर्णिमा एवं महर्षि वाल्मीकि जयंती पर गायत्री शक्तिपीठ में पांच कुंडीय यज्ञ में आहुति दी गई। साथ ही विराट दीप यज्ञ में दीपों का प्रज्ज्वलन कर गायत्री माता से समाज में ज्ञान के प्रकाश की कामना की।

बुधवार को गायत्री शक्तिपीठ के व्यवस्थापक डा. दीपक कुमार की देखरेख में आयोजित कार्यक्रम में गायत्री साधकों ने महर्षि वाल्मीकि की मूर्ति पर माल्यार्पण किया। शांतिकुंज के प्रतिनिधि उदय सिंह चौहान ने कहा कि गायत्री साधक लोक मंगल, जनजागरण और वातावरण परिशोधन के लिए गृहे-गृहे गायत्री यज्ञ कराएं। भारतीय संस्कृति में सभी कर्मकांडों, धर्मानुष्ठानों, संस्कारों और पर्वो में यज्ञ आयोजन मुख्य हैं। भारत में प्रत्येक शुभ कार्य, प्रत्येक पर्व, त्योहार, संस्कार यज्ञ के साथ संपन्न होते हैं। उन्होंने कहा कि यज्ञ चिकित्सा विज्ञान है। यज्ञ व्यक्ति को परमार्थ और सेवा के लिए प्रेरित करता है।

शक्तिपीठ के व्यवस्थापक डा. दीपक कुमार ने पांच कुंडीय गायत्री यज्ञ में आहुतियां समर्पित कराईं। कार्यकर्ता गोष्ठी में डा. दीपक कुमार ने शक्तिपीठ के विस्तार के लिए अंशदान और समयदान का आह्वान किया। विराट दीप यज्ञ आयोजन में अतुल चौहान ने मुख्य दीप प्रज्ज्वलन किया। जितेंद्र सिंह, रिकी सिंह ने मुख्य पूजन कराया। हरीश शर्मा, रणवीर सिंह, आशु समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

वाल्मीकि जयंती पर भजन-कीर्तन

गांव शादीपुर मे महर्षि बाल्मीकि प्रकट दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में भजन-कीर्तन तथा झांकी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महर्षि वाल्मीकि के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला गया।

इस मौके पर भाजपा के क्षेत्रीय मंत्री अनूप वाल्मीकि ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने भगवान श्री रामचंद्र के चरित्र से पूरे विश्व को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि के संबंध में रत्नाकर की कथा बताई जाती है, जो बिल्कुल निराधार है। महर्षि वाल्मीकि को संस्कृत का पहला श्लोक रचयिता व देश के पहले आदि कवि हुए हैं। महर्षि वाल्मीकि ने भगवान रामचंद्र जी के चरित्र को प्रकट किया तथा उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम बताया। रामायण को आधार मानकर ही पूरे विश्व में राम कथाएं लिखी गई। प्रशांत कुमार की अध्यक्षता व गुलशन गुप्ता के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में डा. जितेंद्र सिंह, नीरज विश्नोई, शिवकुमार कश्यप, अरुण राज वाल्मीकि, मॉरिस वाल्मीकि, अक्षय वाल्मीकि, अमन वाल्मीकि, रवि वाल्मीकि, संदीप वाल्मीकि, रोहित वाल्मीकि, अनिकेत वाल्मीकि, दिग्विजय सिंह, रोहित राठी आदि मौजूद रहे।

chat bot
आपका साथी