अव्यवस्थाओं के आगे पस्त हो रहे बीमार और तीमारदार, आक्सीजन की किल्लत जारी

चांदपुर क्षेत्र में कोरोना के साथ-साथ बुखार भी बेकाबू है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर उपचार न मिलने के चलते लोग प्राइवेट अस्पतालों की ओर रूख कर रहे हैं। स्थिति यह है कि कहीं मरीजों को सुविधा मिल रही है तो कहीं भटकना पड़ रहा है। मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर दिया जाता है तो तीमारदार बाहर बैठकर इंतजार कर रहे हैं। कहा जाए तो तीमारदार भी बेहाल हैं। वहीं आक्सीजन न मिलने से भी मरीज और उनके तीमारदार इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 05:53 AM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 05:53 AM (IST)
अव्यवस्थाओं के आगे पस्त हो रहे बीमार और तीमारदार, आक्सीजन की किल्लत जारी
अव्यवस्थाओं के आगे पस्त हो रहे बीमार और तीमारदार, आक्सीजन की किल्लत जारी

बिजनौर, जेएनएन। चांदपुर क्षेत्र में कोरोना के साथ-साथ बुखार भी बेकाबू है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर उपचार न मिलने के चलते लोग प्राइवेट अस्पतालों की ओर रूख कर रहे हैं। स्थिति यह है कि कहीं मरीजों को सुविधा मिल रही है तो कहीं भटकना पड़ रहा है। मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर दिया जाता है तो तीमारदार बाहर बैठकर इंतजार कर रहे हैं। कहा जाए तो तीमारदार भी बेहाल हैं। वहीं, आक्सीजन न मिलने से भी मरीज और उनके तीमारदार इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं।

नगर में बिजनौर मार्ग पर सीएचसी है। यहां पर पिछले दिनों कोरोना टेस्टिग की व्यवस्था जारी थी, लेकिन अभी वह भी सही ढंग से नहीं हो पा रही है। बुखार या कोरोना संक्रमितों को यहां से जिला अस्पताल के लिए रेफर किया जा रहा है। उधर, जिला अस्पताल के जो हालात हैं, वह किसी से छिपे नहीं है। इस स्थिति में मरीजों के साथ-साथ स्वजन भी परेशान हैं। समय पर न तो उपचार मिल रहा है और न ही आक्सीजन। हालात लगातार बेकाबू हो रहे हैं। उधर, देखा जा रहा है कि बुखार के मरीजों के लिए निजी अस्पतालों में इलाज लगातार चल रहा है। वहां देखा जा रहा है कि मरीज अंदर बेड पर रहते हैं तो तीमारदार बाहर परेशान रहते हैं। देखने में आ रहा है कि निजी अस्पताल के संचालक इलाज तो कर रहे हैं, लेकिन आक्सीजन के लिए हाथ खड़े कर देते हैं। बिजनौर रोड पर स्थित पल्स अस्पताल में इन दिनों बुखार के मरीजों का इलाज चल रहा है। जिसके बाहर तीमारदार परेशान नजर आ रहे हैं।

केस-1: मोहल्ला सरायरफी निवासी सनी के पिता बुखार से पीड़ित हैं। आक्सीजन का स्तर भी लगातार गिर रहा है। पहले सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों से पूछताछ की तो वहां से कोई जवाब नहीं मिला। उसके बाद प्रशासन से अपनी बात रखी गई, लेकिन वहां से कोई आश्वासन नहीं मिला। बल्कि सीएमओ द्वारा लिखित आदेश के बाद सिलेंडर दिलाने की बात कही। हालांकि, एक निजी अस्पताल में काफी प्रयास के बाद सिलेंडर मिल सका। जहां उपचार चल रहा है।

केस-2: गांव निवासी कटकुई निवासी असलम ने बताया कि हर जगह हालात खराब है। उनके परिवार में चाचा बुखार से पीड़ित हैं और उनकी आक्सीजन भी लगातार कम हो रही है। जगह-जगह भटकने के बाद भी आक्सीजन उपलब्ध नहीं हो पाई। काफी प्रयास के बाद एक जगह से सिलेंडर मिला, जिसके बाद उनकी जान बच सकी। बताया कि सरकारी व्यवस्थाएं पूरी तरह फेल साबित हो रही हैं।

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