मास्क और शारीरिक दूरी का नहीं हो रहा पालन

नजीबाबाद में कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए लागू लाकडाउन का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराने के लिए पुलिसकर्मी ताकत झोंक रहे हैं। मरीज को अस्पताल लाने-ले जाने और आवश्यक वस्तुओं की खरीद को छोड़कर पुलिस कहीं भी नरमी नहीं बरत रही है लेकिन पुलिस की नजरों से दूर लोग कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 11:21 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 11:21 PM (IST)
मास्क और शारीरिक दूरी का नहीं हो रहा पालन
मास्क और शारीरिक दूरी का नहीं हो रहा पालन

बिजनौर, जेएनएन। नजीबाबाद में कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए लागू लाकडाउन का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराने के लिए पुलिसकर्मी ताकत झोंक रहे हैं। मरीज को अस्पताल लाने-ले जाने और आवश्यक वस्तुओं की खरीद को छोड़कर पुलिस कहीं भी नरमी नहीं बरत रही है, लेकिन पुलिस की नजरों से दूर लोग कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं।

विगत सप्ताह प्रशासन ने हाईवे से जुड़े नगर के भीतर जाने वाले मुख्य मार्गो पर बैरिकेडिग कर मार्ग सील कर दिए थे। पुलिस को शिकायतें मिल रही थीं कि लोग लाकडाउन का उल्लंघन कर अकारण बाहर निकल रहे हैं। कृषि उत्पादन मंडी समिति में फल-सब्जी विक्रेता और खरीदारों में ज्यादातर मास्क और शारीरिक दूरी का पालन करते नहीं दिखे। इसकी शिकायत मिलने पर एसडीएम ने सुधार कराने की बात कही थी, लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए हालात चिताजनक बने हुए हैं। थाना प्रभारी दिनेशचंद्र गौड़ ने बैरिकेडिग वाले क्षेत्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने पुलिस टीम को स्पष्ट किया कि मरीज को अस्पताल लाने-ले जाने, दवा एवं आवश्यक वस्तु की खरीद को छोड़कर किसी भी सूरत में लोग बाहर नजर नहीं आएं। लाकडाउन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इसमें और सख्ती की जाएगी।

- - - - -

गांवों में जुटाई जाएगी कोरोना की जानकारी

बिजनौर: आंगनबाड़ी और आशा ग्रामीण हर घर की काउंसिलिग करेंगी। गांव में प्रत्येक घर में जाकर परिवार से बातचीत करेंगी। बीमार लोगों का डाटा तैयार किया जाएगा। संदिग्ध लक्षण मिलने पर कोरोना की जांच कराई जाएगी। इस अभियान के तहत पूरे गांव के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी।

तमाम प्रयास के बाद भी शहर व देहात में कोरोना पीड़ित निकल रहे हैं। रोजाना निकलने वाले कोरोना पीड़ितों में करीब 40 प्रतिशत मरीज गांवों के ही हैं। पिछले काफी दिनों से ग्रामीण अंचल में कोरोना पीड़ित बढ़ रहे हैं। ग्रामीण अंचल में कोरोना की चेन तोड़ने और कोरोना संक्रमण को गांवों में फैलने से रोकने के लिए प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग अन्य विभागों की मदद से कई अभियान चलाएं जा रहे हैं। इसी क्रम में अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आशा को कोरोना के खिलाफ जंग में अहम जिम्मेदारी दी जा रही है। दोनों गांव में हर घर जाकर परिवार से बातचीत करेंगी। साथ ही बीमार लोगों का डाटा तैयार करेंगी। अन्य बुखार के मरीजों का अलग से डाटा तैयार करेंगी। इससे साफ हो जाएगा कि गांवों में कितने लोग पीड़ित हैं। यहीं नहीं कोरोना के संदिग्ध लक्षण मिलने पर उनकी कोरोना की जांच कराई जाएगी। साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आशा ग्रामीणों को काउंसिलिग करने का कार्य करेंगी।

chat bot
आपका साथी