एंबुलेंस स्टाफ की हड़ताल से भटकते रहे रोगी-तीमारदार

एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस पर तैनात स्टाफ हटाए जाने से क्षुब्ध सभी एंबुलेंस चालकों एवं अन्य स्टाफ ने हड़ताल कर प्रदर्शन किया। एंबुलेंस स्टाफ की हड़ताल से रोगियों एवं अन्य तीमारदारों को परेशानी का सामना करना पड़ा। तीमारदार मरीजों को लेकर निजी एंबुलेंस अथवा निजी वाहनों से लेकर अस्पताल पहुंचे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 11:13 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 11:13 PM (IST)
एंबुलेंस स्टाफ की हड़ताल से भटकते रहे रोगी-तीमारदार
एंबुलेंस स्टाफ की हड़ताल से भटकते रहे रोगी-तीमारदार

जेएनएन, बिजनौर। एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस पर तैनात स्टाफ हटाए जाने से क्षुब्ध सभी एंबुलेंस चालकों एवं अन्य स्टाफ ने हड़ताल कर प्रदर्शन किया। एंबुलेंस स्टाफ की हड़ताल से रोगियों एवं अन्य तीमारदारों को परेशानी का सामना करना पड़ा। तीमारदार मरीजों को लेकर निजी एंबुलेंस अथवा निजी वाहनों से लेकर अस्पताल पहुंचे।

साथी एंबुलेंस स्टाफ को हटाने के विरोध में एंबुलेंस चालकों ने हड़ताल कर दी। इस दौरान उन्होंने बाईपास रोड पर प्रदर्शन भी किया। एंबुलेंस स्टाफ एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष पवन चौहान ने एंबुलेंस स्टाफ को न्यूनतम वेतन दिलाने एवं स्टाफ को एनएचएम में शामिल करने की मांग की। कहा कि जब तक सभी स्टाफ को वापस नहीं रखा जाएगा, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। प्रदेश में समाजवादी सरकार के दौरान सूबे भर में 108, 102 एवं एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) एंबुलेंस चलाई थी। 108 और 102 एंबुलेंस पर दो-दो एवं एएलसए एंबुलेंस पर चार-चार कर्मचारी तैनात रहते है। वर्तमान में जिले में 102 एंबुलेंस 31, 108 एंबुलेंस 33 एवं एएलएस तीन एंबुलेंस चल रही हैं। एंबुलेंस पर तैनात स्टाफ का ठेका जीवीआर-एमआरआई कंपनी के पास था। जो अब दिगित्स हेल्प केयर के पास आ गया है। नई कंपनी ने एएलएस एंबुलेंस पर तैनात सभी 12 कर्मचारियों को हटा दिया है। इससे क्षु़ब्ध होकर 53 एंबुलेंस स्टाफ हड़ताल पर चले गये। एंबुलेंस स्टाफ के कोआर्डिनेटर मनोज सावंत ने बताया कि सभी ब्लाकों समेत 14 एंबुलेंस चलाई गई है।

निजी वाहनों से अस्पताल पहुंचे मरीज

एंबुलेंस की हड़ताल से सबसे अधिक परेशानी मरीजों एवं उनके तीमारदारों को रही। तीमारदार निजी वाहनों अथवा निजी एंबुलेंस से मरीज को लेकर अस्पताल पहुंचे। एंबुलेंस की हड़ताल के कारण तीमारदारों को परेशानी तो हुई, लेकिन किसी रोगी की मौत नहीं हुई है।

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