पर्यावरण संरक्षण को निकाली पदयात्रा

नमो फाउंडेशन की ओर से नगर में पर्यावरण संरक्षण संकल्प पद यात्रा का आयोजन किया गया। पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के अंतर्गत आयोजित पदयात्रा के समापन पर हवन में आहुति देकर पर्यावरण संरक्षण का प्रकृति प्रेमियों ने संकल्प भी लिया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 10:35 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 10:35 PM (IST)
पर्यावरण संरक्षण को निकाली पदयात्रा
पर्यावरण संरक्षण को निकाली पदयात्रा

जेएनएन, बिजनौर। नमो फाउंडेशन की ओर से नगर में पर्यावरण संरक्षण संकल्प पद यात्रा का आयोजन किया गया। पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के अंतर्गत आयोजित पदयात्रा के समापन पर हवन में आहुति देकर पर्यावरण संरक्षण का प्रकृति प्रेमियों ने संकल्प भी लिया।

रविवार सुबह रेलवे स्टेशन परिसर से शुरू हुई पदयात्रा विभिन्न मार्गो से होकर संतोषी माता मंदिर पर संपन्न हुई। यात्रा के दौरान लोगों को पालीथिन का उपयोग नहीं करने का आग्रह किया गया एवं इसके दुष्परिणाम की जानकारी दी गई। साथ ही सभी से पौधारोपण एवं जल संरक्षण की भी अपील की गई। पदयात्रा का संचालन पूर्व सैनिक रविद्र काकरान ने किया। पदयात्रा मंदिर पहुंचने पर पर्यावरण शुद्धि की कामना के साथ मंदिर में पंडित हीरामणि की देखरेख में हवन किया गया। आयोजकों ने कहा कि पदयात्रा का उद्देश्य नागरिकों को पर्यावरण के प्रति जागरुक बनाना है। हरिओम ने पर्यावरण से जुड़ा गीत प्रस्तुत किया।

पदयात्रा एवं हवन आयोजन में सुशील राजपूत, रविद्र काकरान, मनोज कुमार, दिनेश खन्ना, पवन कुमार, रोहिताश अहलावत, सूर्याश, आर्यन, आयुष, वरिष्ठ नागरिक जितेंद्र कक्कड़, वालिया ग्लोबल एकेडमी के प्रधानाचार्य श्याम प्रकाश तिवारी, पुष्पा देवी मनीषा सैनी, शोभा देवी, सुविधा, मंजू, रजनी के अलावा संजीव कुमार, मनोज, सुमित, प्रमोद, हरिओम, दयाराम, महाशय, नरेंद्र, अंशुल, बिट्टू, अनुपम, प्रफुल्ल सहित बड़ी संख्या मे लोग शामिल हुए। राजतिलक के बाद रामलीला का समापन

गांव शादीपुर में मंचित रामलीला का शनिवार की रात्रि श्रीराम के राज्याभिषेक के बाद समापन हो गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि ने कलाकारों को पुरस्कृत किया गया।

गांव शादीपुर में मंचित रामलीला के समापन कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि भाजपा के क्षेत्रीय मंत्री अनूप वाल्मीकि ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को भगवान श्री राम के चरित्र से प्रेरणा लेनी चाहिए। राम जब वन को गए, तो युवराज थे, किंतु जब वापस लौटे तो मर्यादा पुरुषोत्तम राम बन गए। राम का जीवन संघर्ष की मिसाल है, लेकिन उन्होंने कभी भी संघर्ष से हार नहीं मानी। श्रीराम का राज्याभिषेक लीला का मंचन कर समापन किया। मुख्य अतिथि अनूप वाल्मीकि ने कलाकारों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में ब्रज बहादुर सिंह, रोहित मौर्य, कमल कश्यप, प्रशांत मौर्य, दिनेश मौर्य, रवि शर्मा, विनीत मौर्य, अक्षय, गगन भारद्वाज, दीपक मौर्य, सुरेश भगत जी, नीरज विश्नोई,अंकित, नवनीत मौर्य आदि मौजूद रहे।

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