नाटक ने छोड़ी पारिवारिक संबंधों की छाप

राष्ट्रीय नाट्य समारोह के दूसरे दिन कलाकारों ने दो नाटकों की शानदार प्रस्तुति दी। इस दौरान कलाकारों ने रंगमंच पर पारिवारिक संबंधों का भावपूर्ण मंचन किया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 25 Sep 2018 10:15 PM (IST) Updated:Tue, 25 Sep 2018 10:15 PM (IST)
नाटक ने छोड़ी पारिवारिक संबंधों की छाप
नाटक ने छोड़ी पारिवारिक संबंधों की छाप

धामपुर(बिजनौर) : राष्ट्रीय नाट्य समारोह के दूसरे दिन कलाकारों ने दो नाटकों की शानदार प्रस्तुतियां दी। नाटक के जरिए पारिवारिक संबंधों की छाप छोड़ी। इस दौरान कलाकारों ने दर्शकों को देर रात तक बांधे रखा।

नगर में स्थित एक विवाह मंडप में राष्ट्रीय नाट्य समारोह का आयोजन किया जा रहा है। समारोह के दूसरे दिन मंगलवार को दो नाटकों बुड्ढा बच्चा तथा अंधेर नगरी नाटक का मंचन किया गया। नाटक के जरिए दिखाया गया कि जब बूढ़े हो जाते हैं तब बचपन में फिर से लौटना चाहते हैं। पोते या नाती की तरह रूठना, मनाना, खेलना-कूदना, मस्ती करना चाहते हैं। नाटक का पात्र सूर्यमणि भी इसी तरह उन्मुक्त जीवन अपनाता है। पोते की तरह स्कूल ड्रेस पहनना, छाते व छड़ी को हॉकी बनाकर खेलना आदि हरकतें करने पर परिवार के सदस्य उसे मानसिक रूप से विक्षिप्त घोषित कर देते हैं। नाटक दर्शकों को बांधने में सफल रहा। वहीं दूसरा नाटक अंधेर नगरी ने भी दर्शकों को पूरी तरह से बांधे रखा। इससे पूर्व नाट्यदीप द्वारा कलाकारों तथा छात्रों की आजीविका हेतु करियर काउंस¨लग सत्र का आयोजन किया गया। देहरादून से पधारे प्रयास अकादमी के डायरेक्टर सुशील कुमार ¨सह ने रंगकर्मियों व छात्रों को एग्जाम क्रैक सम्बन्धी टिप्स दिए। इस अवसर पर राजेन्द्र चौधरी, सौरभ चौहान, मनोज गुप्ता, मुकेश जैन, तेजेंद्र मौर्य, भूपेंद्र सिसौदिया, डा. तापस दास, आर्यकान्त, राजवीर माथुर, कुलवीर, रघुवंश प्रताप, मुनीराम, नरेन्द्र आहूजा, डा. सारंगादेश असीम, जितेन्द्र गोयल, भूपेंद्र सैनी, आदित्य ¨सह आदि उपस्थित रहे।

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