खेतों में लहलहा रही तिलहन की फसल
बढ़ापुर क्षेत्र में लहलहाती तिलहन की फसल को देखकर किसान खासे खुश हैं। इस बार किसानों को तिलहन की फसल के अच्छे दाम मिलने की उम्मीद है जिससे किसानों के चेहरों पर रौनक दिखाई दे रही है।
जेएनएन, बिजनौर। बढ़ापुर क्षेत्र में लहलहाती तिलहन की फसल को देखकर किसान खासे खुश हैं। इस बार किसानों को तिलहन की फसल के अच्छे दाम मिलने की उम्मीद है, जिससे किसानों के चेहरों पर रौनक दिखाई दे रही है।
क्षेत्र में इस समय तिलहन की फसल तैयार हो चुकी है। खेतों में लहलहाती फसल को देखकर किसानों के चेहरे पर रौनक साफ दिखाई दे रही है। इस बार किसानों को तिलहन व तिल के तेल की अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद है। इस समय फसल की कटाई का कार्य जोरों पर चल रहा है। तिलहन की बुवाई जुलाई माह से शुरू हो जाती है। इस फसल को तैयार होने में लगभग तीन से चार माह तक लग जाते हैं। यह फसल किसानों के लिए बहुत ही लाभकारी होती है। क्षेत्र के किसान तिल की फसल की पैदावार ज्यादा करते हैं। अधिकतर किसान तिल के तेल का ही सेवन करते हैं। किसानों का कहना है कि यह फसल कम पानी वाले क्षेत्रों में होती है और इस फसल की पैदावार एक बीघा भूमि में 40 से 50 किलोग्राम की मात्रा में होती है। फसल तैयार होने पर इसको काटकर सुखाना पड़ता है तथा 10 से 15 दिनों में सूखने के बाद तिल निकाला जाता है। तिल की तासीर गर्म होने के चलते इसका सेवन सर्दियों के मौसम में ज्यादा मात्रा में किया जाता है। तिल का तेल मनुष्य की शरीर की बहुत सी बीमारियों को दूर करता है। साथ ही इससे शरीर को ऊर्जा प्राप्त होती है। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन बी आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं।
------------------
सोहन सिंह-चरनजीत सिंह