मरीजों को गर्म कपड़ों को लेकर आ सकती है समस्या

कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रतिदिन मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। सर्दी का मौसम शुरू हो चुका है। सर्दी में मरीजों की संख्या बढ़ने की संभावना है ऐसे में अस्पताल प्रशासन के सामने सबसे बड़ी समस्या मरीजों के लिए गर्म कपड़ों को लेकर आ सकती है। धुलकर आने के बाद सभी कंबल और चादरों को सैनिटाइज कराने के बाद ही मरीजों को दिया जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 06:08 PM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 06:08 PM (IST)
मरीजों को गर्म कपड़ों को लेकर आ सकती है समस्या
मरीजों को गर्म कपड़ों को लेकर आ सकती है समस्या

जेएनएन, बिजनौर। कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रतिदिन मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। सर्दी का मौसम शुरू हो चुका है। सर्दी में मरीजों की संख्या बढ़ने की संभावना है, ऐसे में अस्पताल प्रशासन के सामने सबसे बड़ी समस्या मरीजों के लिए गर्म कपड़ों को लेकर आ सकती है। धुलकर आने के बाद सभी कंबल और चादरों को सैनिटाइज कराने के बाद ही मरीजों को दिया जाता है।

एक और लगातार कोरोना संक्रमितों की संख्या में वृद्धि हो रही है तो दूसरी ओर सर्दी में कोरोना के मरीजों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना के चलते अस्पताल प्रशासन के सामने समस्या आ सकती है। अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण कंबल जैसे गर्म कपड़े एवं चादरों की समस्या उत्पन्न हो सकती है। गर्मी के दिनों में कोई भी मरीज कंबल इस्तेमाल नहीं करता। कोरोना संक्रमण के डर से एक मरीज का कंबल दूसरे मरीज को नहीं दिया जा सकता। यदि ऐसा किया गया तो स्थिति खराब हो सकती है।

पर्याप्त संख्या में है कंबल और चादरें

जिला अस्पताल के सीएमएस डा. ज्ञानचंद बताते हैं कि अस्पताल में 189 लोगों के भर्ती करने की व्यवस्था है। सर्दी का मौसम हेल्दी सीजन माना जाता है। सामान्यत: लोग कम बीमार होते हैं। आमतौर पर आपरेशन के मरीज भर्ती होते हैं। अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में कंबल और चादरें मौजूद हैं। इन्हें समय-समय पर धुलवाया भी जाता है। धुलकर आने के बाद सभी कंबल और चादरों को सैनिटाइज कराने के बाद ही मरीजों को दिया जाता है। इसके अलावा कोरोना संक्रमितों के लिए पुराने जिला महिला अस्पताल में 100 बैड का एल-2 अस्पताल बनाया गया है, जहां वर्तमान में सात मरीज ही है।

मरीजों के लिए नहीं चलाया जाता हीटर

सीएमएस डा. ज्ञानचंद ने बताया कि गर्मी में मरीजों की सुविधा के लिए जेनरेटर है। इन्वर्टर व बैटरे भी लगे हैं, लेकिन सर्दियों में हीटर जलाने की व्यवस्था नहीं है। मरीजों को जरूरत पड़ने पर एक से अधिक कंबल दिया जा सकता है।

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