डाक्टर ने नहीं, पुलिस ने समझा प्रसव पीड़िता का दर्द

आमतौर पर पुलिस का सख्त रवैया ही हमारे जेहन में रहता है लेकिन वह भावनात्मक रूप से भी जनता से जुड़ी रहती है। आधी रात के बाद अस्पताल ने एक प्रसव पीड़िता को रेफर कर दिया। हड़ताल के कारण एंबुलेंस भी नहीं मिली। पुलिस ने परिवार का दर्द समझा और महिला को सरकारी जीप से अस्पताल पहुंचाया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 10:43 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 10:43 PM (IST)
डाक्टर ने नहीं, पुलिस ने समझा प्रसव पीड़िता का दर्द
डाक्टर ने नहीं, पुलिस ने समझा प्रसव पीड़िता का दर्द

जेएनएन, बिजनौर। आमतौर पर पुलिस का सख्त रवैया ही हमारे जेहन में रहता है लेकिन वह भावनात्मक रूप से भी जनता से जुड़ी रहती है। आधी रात के बाद अस्पताल ने एक प्रसव पीड़िता को रेफर कर दिया। हड़ताल के कारण एंबुलेंस भी नहीं मिली। पुलिस ने परिवार का दर्द समझा और महिला को सरकारी जीप से अस्पताल पहुंचाया।

मंगलवार शाम सराय इम्मा निवासी फरहीन को प्रसव पीड़ा होने पर सीएचसी किरतपुर में भर्ती कराया गया। रात लगभग तीन बजे स्वास्थ्यकर्मियों ने हालत गंभीर बताते हुए उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। चालकों की हड़ताल के कारण एंबुलेंस नहीं मिली तो स्वजन महिला को लेकर पैदल ही गांव के लिए चल पड़े। महिला दर्द से कराह रही थी। वहां से गुजर रही पुलिस जीप के सिपाही संजीव निगम और रजत कुमार ने ग्रामीणों को रोककर जानकारी ली।

सिपाही संजीव निगम ने फोन कर एंबुलेंस बुलाने का प्रयास किया, लेकिन कोई चालक नहीं आया। इसके बाद सिपाहियों ने सरकारी जीप से प्रसव पीड़िता को किरतपुर में निजी महिला चिकित्सक के पास पहुंचाया।

अनदेखी का आलम

अव्यवस्था व अनदेखी का खामियाजा बेकसूर जनता को भुगतना पड़ रहा है। किरतपुर सीएचसी पर महिला चिकित्सक नहीं होने से अक्सर प्रसव पीड़िताओं को परेशानी उठानी पड़ती है। यहां एएनएम ही प्रसव कराती हैं।

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महिला के प्रसव में समय था, इसलिए उसे घर भेजा गया था। जिला अस्पताल रेफर नहीं किया गया। इतनी चूक जरूर हुई कि हमें अंदाजा नहीं था कि आधी रात को उसे घर ले जाने के लिए परिवार के पास कोई साधन नहीं है।

-डा. ईश्वरानंद, प्रभारी चिकित्साधिकारी, सीएचसी किरतपुर

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