बिना कोच खिलाड़ी बहा रहे पसीना

खिलाड़ियों से सामान्य व्यक्ति से लेकर सरकार तक पदक की आस लगाती है लेकिन जब खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के लिए कोच ही नहीं है तो उनसे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कराना बेमानी है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 10:27 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 10:27 PM (IST)
बिना कोच खिलाड़ी बहा रहे पसीना
बिना कोच खिलाड़ी बहा रहे पसीना

बिजनौर, जेएनएन। खिलाड़ियों से सामान्य व्यक्ति से लेकर सरकार तक पदक की आस लगाती है, लेकिन जब खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के लिए कोच ही नहीं है तो उनसे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कराना बेमानी है। नेहरू स्टेडियम में गत डेढ़ वर्ष से विभिन्न खेलों के स्थाई तो दूर अंशकालिक कोच की तैनाती भी नहीं की गई है। कोच न होने से खिलाड़ियों का भविष्य अंधकार में है। नेहरू स्टेडियम में जूनियर एवं सीनियर खिलाड़ियों को एथलेटिक्स हाकी, फुटबाल, क्रिकेट, शूटिंग, खो-खो, कबड्डी, बैडमिटन, वालीबाल, बास्केट बाल, तैराकी आदि खेलों का प्रशिक्षण दिया जाता है। खेल निदेशालय प्रत्येक वर्ष उक्त खेलों के कैम्प देता है। वर्तमान में केवल स्थाई एथलेटिक्स कोच प्रभारी जिला क्रीड़ा अधिकारी के अतिरिक्त न तो किसी खेल का कोई स्थाई कोच है और न ही अंशकालिक कोच ही है। कोरोना काल के बाद स्टेडियम खुले करीब दो माह हो चुके है। लेकिन मार्च 2020 के बाद खेल निदेशालय ने किसी अंशकालिक कोच की तैनाती नहीं की है।

वर्तमान में नेहरू स्टेडियम में एथलेटिक्स के 362, फुटबाल के 24, क्रिकेट के 56, बैडमिटन के 46, वालीबाल के 12, हाकी के तीन, कुश्ती के चार, शूटिग का एक, बास्केटबाल के दो, भारोत्तोलन एवं खो-खो का एक-एक एवं कबड्ड़ी के आठ खिलाड़ियों ने रजिस्ट्रेशन करा रखा है। स्टेडियम में आने वाले जूनियर खिलाड़ियों से 150 रुपये (एक वित्तीय वर्ष के लिए) एवं सीनियर खिलाड़ियों से 200 रुपये (प्रतिमाह) शुल्क लिया जाता है। बावजूद इसके डेढ़ वर्ष से एथलेटिक्स के अतिरिक्त अन्य कोई कोच नहीं है। खिलाड़ी वरिष्ठ खिलाड़ियों से ही खेल के गुर सीख रहे है। प्रभारी क्रीड़ा अधिकारी जयवीर सिंह का कहना है कि विभिन्न खेलों के कोच के खेल निदेशालय को लिखा गया है। उन्होंने जल्द ही अंशकालिक खेल प्रशिक्षक मिलने की उम्मीद जताई है।

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