तीन सालों से पासबुक में एंट्री नहीं, ग्रामीण परेशान

ऊमरी क्षेत्र के गांव मोरना स्थित केनरा बैंक की शाखा में करीब 3 साल से ग्रामीणों की पासबुक में एंट्री नहीं हुई है। रोजाना ग्रामीण इसके लिए शाखा में चक्कर काटते रहते हैं लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 06:26 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 06:26 PM (IST)
तीन सालों से पासबुक में एंट्री नहीं, ग्रामीण परेशान
तीन सालों से पासबुक में एंट्री नहीं, ग्रामीण परेशान

जेएनएन, बिजनौर। ऊमरी क्षेत्र के गांव मोरना स्थित केनरा बैंक की शाखा में करीब 3 साल से ग्रामीणों की पासबुक में एंट्री नहीं हुई है। रोजाना ग्रामीण इसके लिए शाखा में चक्कर काटते रहते हैं लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।

ऊमरी क्षेत्र के मोरना में केनरा बैंक की शाखा है। यह शाखा पहले सिडिकेट बैंक की थी लेकिन बाद में बैंक मर्ज हो जाने के कारण अब केनरा बैंक यहां संचालित है। इस शाखा से आसपास के करीब 24 गांवों के ग्रामीणों जुड़े हुए हैं, जिनके गन्ना पर्ची सहित अन्य खाते यहां संचालित होते हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि करीब तीन साल से उनकी पासबुक में यहां एंट्री नहीं हो रही है, आए दिन वे शाखा के चक्कर काटते रहते हैं। कर्मचारियों से खाते की डिटेल पूछने पर भी हर बार जानकारी नहीं मिल पाती है। उपभोक्ता जागेश कुमार, हरपाल, जयपाल सिंह, कमला देवी, निर्मला, ऊषा, दुलारी, रशीद अहमद, राजेन्द्र, संतोष आदि ने बताया कि उनकी बैंक की किताब में तीन साल से एंट्री नहीं हो सकती है। उनका गन्ना पर्ची और अन्य पेमेंट इसी शाखा के खाते में आता है, लेकिन एंट्री न होने से उन्हें डिटेल नहीं मिल पाती है। कई बार उच्च अधिकारियों से भी समस्या का समाधान कराए जाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। इस बारे में बैंक के उपशाखा प्रबंधक मोहम्मद शादान का कहना है कि पहले सिडिकेट बैंक होने के समय प्रिटर अधिकतर खराब रहता था। अभी कैनरा बैंक हो गया है। जिसके नाम का प्रिटिग रिबन नहीं आया है। जैसे ही रिबन उपलब्ध होंगे, तब नई पासबुक बनाकर एंट्री का कार्य जारी किया जाएगा।

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