जिले में अभी तक नहीं मिला कोई डेंगू रोगी, फिर भी सतर्कता

जिले में कोरोना का कहर तो अब थम चुका है। मौसम में बदलाव के कारण बुखार रोगियों की संख्या में वृद्धि हुई है। मलेरिया और डेंगू का खौफ लोगों के दिलो-दिमाग पर छाया हुआ है। सरकारी अस्पताल हों अथवा क्लीनिक सभी जगह बुखार रोगियों लंबी-लंबी लाइन लगी हुई है। गली-मोहल्लों में सफाई और फागिग व्यवस्था ठीक नहीं रही तो डेंगू और मलेरिया रोगियों की संख्या में वृद्धि हो सकती है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 10:48 AM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 10:48 AM (IST)
जिले में अभी तक नहीं मिला कोई डेंगू रोगी, फिर भी सतर्कता
जिले में अभी तक नहीं मिला कोई डेंगू रोगी, फिर भी सतर्कता

जेएनएन, बिजनौर। जिले में कोरोना का कहर तो अब थम चुका है। मौसम में बदलाव के कारण बुखार रोगियों की संख्या में वृद्धि हुई है। मलेरिया और डेंगू का खौफ लोगों के दिलो-दिमाग पर छाया हुआ है। सरकारी अस्पताल हों, अथवा क्लीनिक सभी जगह बुखार रोगियों लंबी-लंबी लाइन लगी हुई है। गली-मोहल्लों में सफाई और फागिग व्यवस्था ठीक नहीं रही तो डेंगू और मलेरिया रोगियों की संख्या में वृद्धि हो सकती है।

जिला मलेरिया अधिकारी ब्रजभूषण बताते हैं कि जनवरी से अगस्त माह के अंत तक 54 बुखार रोगियों का एलाइजा टेस्ट किया गया। एक भी रोगी डेंगू पीड़ित नहीं मिला। इसके अलावा 96712 बुखार रोगियों की मलेरिया की जांच की गई। जांच में 95 मलेरिया रोगी मिले। उपचार के बाद सभी रोगी ठीक हो गए। इस वर्ष मलेरिया अथवा डेंगू से एक भी रोगी की मौत नहीं हुई है। वायरल बुखार बना मुसीबत

वरिष्ठ फिजिशियन डा. राहुल विश्नोई बताते हैं कि वायरल बुखार से पीड़ित बड़ी संख्या में रोगी पहुंच रहे हैं। रोगी को दो-तीन दिन तेज बुखार होता है। प्लेटलेट्स भी गिरती हैं। शरीर में करीब 15 दिन तक कमजोरी रहती है। प्लेटलेट्स गिरने को ही कई लोग डेंगू मान लेते हैं, जो गलत है। प्लेटलेट्स किसी भी बुखार में गिर सकती है। 20 हजार से कम प्लेटलेट्स होने पर मसूड़े, नाक अथवा शरीर के किसी अन्य अंग से खून आ सकता है। यह बेहद चिताजनक स्थिति है। मरीज को पूरा आराम करना चाहिए। ओआरएस का घोल लें। तरल पदार्थो का सेवन करें। चिकित्सक की देखरेख में रहें। जिले में डेंगू के मरीज नहीं है। मलेरिया के मरीज अधिक है, जबकि वायरल फीवर के मरीजों की भरमार है। जिले में चल रहा अभियान

जिला मलेरिया अधिकारी ब्रजभूषण बताते हैं कि जिले में स्पेशल कोविड सर्विलांस अभियान चलाया जा रहा है। इसमें बुखार पीड़ित, कोविड लक्षणयुक्त, क्षय रोगी, 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों की तलाश की जा रही है, जिन्होंने कोरोना से बचाव का पहला टीका नहीं लगवाया है। डेंगू रोगियों का अलग वार्ड

जिला अस्पताल के सीएमएस डा. अरुण पांडेय बताते हैं कि डेंगू के संभावित रोगियों के लिए अलग से वार्ड बनाया गया है। प्रत्येक बेड पर मच्छरदानी लगा रखी है, ताकि मच्छर डेंगू और मलेरिया रोगी को न काट सकें और डेंगू के फैलने की संभावना न रहे। संतोषजनक है सफाई व्यवस्था

संतोषजनक है शहर की सफाई व्यवस्था संतोषजनक है। नालियों में नियमित अंतराल पर कीटनाशक डाल जा रहा है। सुबह और शाम कूड़ा उठाया जा रहा है। फागिग भी कराई जा रही है। चेयरपर्सन रुखसाना परवीन का कहना है कि शहर का कूड़ा-करकट का निस्तारण करने के लिए सफाईकर्मियों की दो टीमें बनाई गई हैं, जबकि किसी स्थान पर कूड़ा पड़ा होने की शिकायत मिलने पर अतिरिक्त टीम को भेजा जाता है। लार्वासाइड की तलाश को अभियान

डीएमओ ब्रजभूषण बताते हैं कि लार्वासाइड की तलाश को अभियान चला रखा है। अब तक 8372 घरों में 12373 कंटेनर की जांच की जा चुकी है। पंजाबी कालोनी, पुलिस लाइन, सिचाई विभाग कालोनी, काशीराम कालोनी आदि में अब तक नौ थानों पर लार्वा साइड मिल चुका है। सभी को नोटिस जारी किया गया है। दूसरी बार लार्वासाइड पाया जाता है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। रोगियों का होता है कोरोना टेस्ट

जिला अस्पताल के सीएमएस डा. अरुण पांडेय बताते हैं कि वैसे तो जिले में अब कोरोना के रोगी नहीं मिल रहे हैं, फिर भी बुखार ही नहीं जिला अस्पताल में आने वाले सभी रोगियों का कोरोना टेस्ट कराया जाता है।

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