पालिका की आय बढ़ाने को तलाशने होंगे नए स्त्रोत

सरकार से अवमुक्त बजट के अलावा पालिका प्रशासन गृहकर और जलकर के रूप में एकत्र हुई धनराशि का इस्तेमाल विकास कार्यों के लिए करता है। इसके अलावा होर्डिंग सड़कों के कटान से प्राप्त होने वाली धनराशि भी पालिका की आय का हिस्सा है। वहीं पार्किंग और श्वान पालने का लाइसेंस जारी करने की व्यवस्था नहीं है। स्थानीय राजनीतिक दबाव में अक्सर सुनवाई के दौरान पालिका टैक्स को कम कर दिया जाता है। इसका पालिका के बजट पर भी असर पड़ता है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 09:16 AM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 09:16 AM (IST)
पालिका की आय बढ़ाने को तलाशने होंगे नए स्त्रोत
पालिका की आय बढ़ाने को तलाशने होंगे नए स्त्रोत

जेएनएन, बिजनौर। सरकार से अवमुक्त बजट के अलावा पालिका प्रशासन गृहकर और जलकर के रूप में एकत्र हुई धनराशि का इस्तेमाल विकास कार्यों के लिए करता है। इसके अलावा होर्डिंग, सड़कों के कटान से प्राप्त होने वाली धनराशि भी पालिका की आय का हिस्सा है। वहीं पार्किंग और श्वान पालने का लाइसेंस जारी करने की व्यवस्था नहीं है। स्थानीय राजनीतिक दबाव में अक्सर सुनवाई के दौरान पालिका टैक्स को कम कर दिया जाता है। इसका पालिका के बजट पर भी असर पड़ता है। शत-प्रतिशत नहीं होती टैक्स वसूली

पालिका परिषद बिजनौर के 25 वार्डों में करीब 17 हजार मकान हैं। इन मकानों पर 84,076 लाख रुपये हाउस टैक्स और 1.49 करोड़ रुपये का टैक्स निर्धारित किया जाता है, कितु निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष टैक्स की वसूली नहीं हो पाती। अगस्त माह में 31 फीसद का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, कितु 29 फीसद वसूली हुई है। पांच साल में एक बार स्वकर प्रणाली से टैक्स का निर्धारण किया जाता है, कितु राजनीति के चक्कर में इस टैक्स को कम कर दिया जाता है। एक दशक पहले नर्सिंगहोम, निजी क्लीनिकों पर टैक्स निर्धारित किया गया था, कितु मामला न्यायालय में विचाराधीन होने से अभी तक टैक्स का निर्धारण नहीं हो पाया। यदि पार्किंग शुल्क और शहर में गंदगी फैलाने वालों से जुर्माना वसूले जाने की कार्रवाई शुरू हो जाए, तो निश्चित रूप से पालिका की आय में वृद्धि होगी। कुत्ता पालने के लिए नहीं जारी होता लाइसेंस

नगर पालिका द्वारा कुत्ता पालने के लिए लोगों को लाइसेंस जारी नहीं किया जाता है। जबकि शासन द्वारा इसका लाइसेंस जारी करने का आदेश है। इनका कहना है:-

पालिका की आय बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। नए परिसीमन के बाद बिजनौर पालिका में सात नए गांव शामिल हुए हैं। इन गांवों में आबादी के अनुरूप मकानों का सर्वे कराने के लिए राजस्व विभाग के अफसरों से संपर्क किया जा रहा है, ताकि पालिका की आय में वृद्धि हो सके। इसके अलावा पालिका की आय बढ़ाने के लिए नए स्त्रोत की तलाश की जा रही है।

-रुखसाना परवीन, चेयरपर्सन पालिका परिषद बिजनौर।

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