पहली बार सूना नजर आएगा नांगल गंगा घाट

नांगल के इतिहास में यह पहली बार है जब कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान मेले का आयोजन नहीं होगा। यहां प्रतिवर्ष भव्य मेले का आयोजन होता था। रात्रि में घाट पर रेतीले पठार की चमक श्रद्धालुओं के दिल-ओ-दिमाग पर छाई हुई है। श्रद्धालु दीपदान पितृ विसर्जन मुंडन संस्कार आदि को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 29 Nov 2020 07:26 PM (IST) Updated:Sun, 29 Nov 2020 07:26 PM (IST)
पहली बार सूना नजर आएगा नांगल गंगा घाट
पहली बार सूना नजर आएगा नांगल गंगा घाट

जेएनएन, बिजनौर। नांगल के इतिहास में यह पहली बार है जब कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान मेले का आयोजन नहीं होगा। यहां प्रतिवर्ष भव्य मेले का आयोजन होता था। रात्रि में घाट पर रेतीले पठार की चमक श्रद्धालुओं के दिल-ओ-दिमाग पर छाई हुई है। श्रद्धालु दीपदान, पितृ विसर्जन, मुंडन संस्कार आदि को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं।

नांगलसोती निवासी वरिष्ठ ग्रामीण नाथे सिंह प्रधान, मुन्नी सिंह, कोमल प्रसाद, चिरंजीलाल, फूल सिंह तोमर, बोधराम आदि का कहना है कि वह अपनी उम्र के सात दशक पूर्ण कर चुके हैं, लेकिन नांगल के इतिहास में यह पहला अवसर है जब कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा घाट पर मेला नहीं लगेगा। पूर्व में यहां श्रद्धालु हरिद्वार के समान ही गंगा स्नान के लिए पहुंचते थे। नागंल में अस्थाई बस अड्डा स्थापित होता था। यहां बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, पीलीभीत, दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर आदि जनपदों से श्रद्धालु पहुंचते थे। हरिद्वार के बाद नांगलसोती गंगा घाट की सबसे ज्यादा मान्यता है, लेकिन कोविड-19 महामारी ने गंगा स्नान मेले पर भी ब्रेक लगा दिया। पुलिस ने श्रद्धालुओं को घाट पर जाने से रोकने के लिए चार पहिया वाहन एवं ट्रैक्टर ट्रॉली के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंधित किया है। खानपुर तिराहा, नांगलसोती-मंडावली मार्ग तिराहा व गंगा घाट पर पुलिस ने बेरिकेडिग की है।

-इनका कहना है

कोविड-19 महामारी से बचाव को देखते हुए इस बार मेला नहीं लगेगा। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए घाट पर भी पुलिस व्यवस्था नहीं रहेगी। ग्रामीण श्रद्धालु रात्रि में घाट पर नहीं रुकें। कोरोना बचाव अभियान में सभी से सहयोग की अपील की गई है। -संजय पांचाल, थानाध्यक्ष नांगल

गंगा जी में विधि-विधान से दूध विसर्जन का कार्य किया है। वहीं, मंगलवार को मेले का समापन कर दिया जाएगा। यह कार्य परंपराओं को निभाने के लिए किया गया है। कोविड-19 के मद्देनजर इस बार घाट पर मेला नहीं लगेगा। -सुशील फौजी, मेला कमेटी सदस्य।

chat bot
आपका साथी