सूनी रहीं ईदगाह, घरों में हुई नमाज
ईद-उल-अजहा के मौके पर ईदगाह मस्जिदों और सार्वजनिक स्थानों पर सामूहिक नमाज नहीं हुई और न ही खुले स्थानों पर कुर्बानी की गई। शहरी क्षेत्रों में निकायों और ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों कुर्बानी के पशुओं के अवशेष उठाने की व्यवस्था की गई थी। वहीं उलमा-ए-दीन की अपील पर कोरोना से बचाव की गाइडलाइन का पालन किया गया।
बिजनौर, जेएनएन। ईद-उल-अजहा के मौके पर ईदगाह, मस्जिदों और सार्वजनिक स्थानों पर सामूहिक नमाज नहीं हुई और न ही खुले स्थानों पर कुर्बानी की गई। शहरी क्षेत्रों में निकायों और ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों कुर्बानी के पशुओं के अवशेष उठाने की व्यवस्था की गई थी। वहीं उलमा-ए-दीन की अपील पर कोरोना से बचाव की गाइडलाइन का पालन किया गया।
शहरकाजी मुहम्मद माजिद अली ने अकीदतमंदों से ईद-उल अजहा की नमाज ईदगाह और मस्जिदों में अदा नहीं करने की अपील की थी। वहीं उन्होंने खुले में कुर्बानी न करने और कोरोना से बचाव की गाइडलाइन का पालन करने की भी अपील की थी। बुधवार को ईद-उल-अजहा के मौके पर ना तो ईदगाह और ना ही मस्जिदों में सामूहिक रूप से नमाज अदा की गई। वहीं ईदगाहों और प्रमुख मस्जिदों पर पर्याप्त संख्या में पुलिस और पीएसी के जवान तैनात किए गए थे। उधर, कुर्बानी के पशुओं के अवशेष उठाने के लिए बुधवार को सुबह-सवेरे से शहरी क्षेत्रों में निकायों की ओर से
ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ सफाई कर्मियों की फौज लगी हुई थी, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों ने कुर्बानी के पशुओं के अवशेष उठवाकर गड्ढों में दबवाने की व्यवस्था कर रखी थी। बुधवार को कई बार पावरकट हुआ, कितु वैकल्पिक व्यवस्था होने की वजह से पेयजल आपूर्ति बाधित नहीं हुई। पूरे दिन युवा शहर की सड़कों पर बाइक दौड़ाते दिखाई दिए। पहले नमाज और बाद में कुर्बानी की वजह से दोपहर तक बाजारों में आम दिनों के मुकाबले कम भीड़ दिखाई दी। वहीं चौराहों पर तैनात पुलिसकर्मियों ने वाहन चेकिग भी की।