किशोरी के अपहरण का आरोप, रिपोर्ट दर्ज

स्योहारा में व्यक्ति ने किशोरी के अपहरण का आरोप लगाया। पुलिस ने किशोरी को बरामद कर लिया है। किशोरी के पिता की तहरीर पर पुलिस ने तीनों के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कर लिया है। जांच की जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 11:30 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 11:30 PM (IST)
किशोरी के अपहरण का आरोप,  रिपोर्ट दर्ज
किशोरी के अपहरण का आरोप, रिपोर्ट दर्ज

जेएनएन, बिजनौर। स्योहारा में व्यक्ति ने किशोरी के अपहरण का आरोप लगाया। पुलिस ने किशोरी को बरामद कर लिया है। किशोरी के पिता की तहरीर पर पुलिस ने तीनों के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कर लिया है। जांच की जा रही है।

क्षेत्र के गांव लांबाखेड़ा निवासी एक व्यक्ति ने बताया कि उसकी 17 वर्षीय पुत्री शनिवार शाम जंगल गई थी, लेकिन वह वापस नहीं लौटी। इससे स्वजन की चिता बढ़ गई और उन्होंने उसकी खोजबीन शुरु कर दी। काफी तलाश करने के बाद उन्हें जानकारी मिली कि तीन लोग उसे बाइक पर बैठाकर धामपुर की तरफ ले गए हैं। पीड़ित ने अपहरणकर्ताओं पर गलत कार्य करने की आशंका जताते हुए अपहरण करने का आरोप लगाया। थानाध्यक्ष आशीष कुमार तोमर ने बताया कि पिता की तहरीर पर ऋतिक, फरहाना पुत्री वकील व कौशल पुत्री तुलाराम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि किशोरी को सकुशल बरामद कर लिया गया है। उससे पूछताछ की जा रही है।

फर्जी ढंग से लोन देने पर एसबीआइ बैंक के स्टाफ पर होगी रिपोर्ट दर्ज

सीजेएम विमल त्रिपाठी ने फर्जी बैंक खाता खोल कर एक लाख रुपये का ऋण देने के आरोप में एसबीआइ बैंक शाखा नांगल जट के तत्कालीन मैनेजर और स्टाफ पर रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश थानाध्यक्ष हल्दौर को दिया है।

कोतवाली थाना क्षेत्र निवासी रामकुमार ने एसबीआइ बैंक शाखा नांगल जट में ऋण खाता खोलकर किसान क्रेडिट कार्ड बनवाया था। उक्त किसान क्रेडिट कार्ड का भुगतान करने के बाद उसने उक्त खाते को बंद कर बैंक से भूमि मुक्ति प्रमाण पत्र भी बैंक से ले लिया था। रामकुमार का उक्त बैंक में अन्य खाता भी था, जिसमें गन्ने का भुगतान आता था। रामकुमार अपने उक्त खाते से दस हजार रुपये निकालने गया तो आरोप है कि बैंक स्टाफ ने रुपये देने से मना कर दिया। कहा कि उस पर एक लाख रुपये का ऋण है। पहले उसे जमा करें। तत्कालीन बैंक मैनेजर ने रामकुमार को नोटिस देकर ऋण की राशि का भुगतान करने के लिए कहा। पीड़ित का आरोप है कि मैनेजर और अन्य स्टाफ ने उसके नाम से फर्जी खाता खोलकर उक्त ऋण लेना दर्शाया है, जबकि उसने उक्त खाता नंबर से कोई ऋण नहीं लिया है। इस मामले में सीजेएम विमल त्रिपाठी ने आरोपित तत्कालीन एसबीआइ बैंक स्टाफ पर रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश थानाध्यक्ष हल्दौर को दिए हैं।

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