करुणा धाम में अभी और भी हैं 'लट्टू माई'

बिजनौर जेएनएन। करुणा धाम आश्रम.. जैसा नाम वैसा काम। इस आश्रम में मानसिक रूप से अस्वस्थ झारखंड

By JagranEdited By: Publish:Sat, 26 Sep 2020 09:54 PM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 05:01 AM (IST)
करुणा धाम में अभी और भी हैं 'लट्टू माई'
करुणा धाम में अभी और भी हैं 'लट्टू माई'

बिजनौर, जेएनएन। करुणा धाम आश्रम.. जैसा नाम वैसा काम। इस आश्रम में मानसिक रूप से अस्वस्थ झारखंड की महिला ने नवजीवन तो पाया ही, उसकी नवजात की किलकारियों ने भी हर किसी को अभिभूत कर दिया। आश्रम में अभी भी ऐसी 25 महिलाएं हैं, जिन्हें बेहतरीन पोषण और अपनत्व मिल रहा है। मिशनरी संस्था की सदस्यों को दुख इस बात का है कि झारखंड की महिला के उपचार में कोई सरकारी मदद नहीं दी गई।

झारखंड की महिला लट्टू माई हेमरोन को समय रहते करुणा धाम आश्रम मथुरापुर मोर पहुंचाकर निश्चित ही जिला प्रशासन ने सराहनीय कार्य किया ही, लेकिन करुणा धाम आश्रम की सदस्याओं की निष्काम सेवा, बेहतरीन पोषण और उपचार के बलबूते पर ही लट्टू माई हेमरोन को नवजीवन मिला। करुणा धाम आश्रम की प्रधानाचार्या सिस्टर ज्योति ने बताया कि जब लट्टू माई हेमरोन आश्रम पहुंची थी तो उसकी हालत बहुत खराब थी। उसे बार-बार दौरे पड़ते थे। वह पागलों वाली हरकतें करती थी और अपने बारे में कुछ भी नहीं बता पाती थी। उनके निर्देशन में सिस्टर अन्ना, सिस्टर रो•ा मेरी, सिस्टर क्रिस्टीना, सिस्टर पुष्पा के सेवाभाव से लट्टू माई की हालत में सुधार हुआ।

सिस्टर ज्योति बताती हैं कि गर्भावस्था काल पूरा होने पर लट्टू माई को दौरे पड़ने और दिमागी हालत को देखते हुए सेंट मेरीज हॉस्पिटल में उसकी ऑप्रेशन से डिलीवरी की गई। यह अच्छी बात है कि अब उसकी हालत में सुधार है। जिला प्रशासन उसे उसके परिवार तक पहुंचाने में जुट गया है। सिस्टर ज्योति कहती हैं कि आश्रम में 25 महिलाएं ऐसी हैं, जो शारीरिक और मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं। उनके स्वजनों का कुछ पता नहीं है। आश्रम ऐसी महिलाओं के संरक्षण और पोषण में जी-जान से जुटा है।

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