गंगा और मालन समेत कई नदियों में उफान
पिछले दो दिन से पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में हो रही रूक-रूककर हो रही बारिश से गंगा मालन और उनकी सहयोगी नदियों के जलस्तर वृद्धि हुई है। रावली में रपटे पर मालन नदी बह रही है। वहीं गंगा में उफान आने की वजह से मंडावर खादर क्षेत्र के कई गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
जेएनएन, बिजनौर। पिछले दो दिन से पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में हो रही रूक-रूककर हो रही बारिश से गंगा, मालन और उनकी सहयोगी नदियों के जलस्तर वृद्धि हुई है। रावली में रपटे पर मालन नदी बह रही है। वहीं गंगा में उफान आने की वजह से मंडावर खादर क्षेत्र के कई गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
भीमगोड़ा (उत्तराखंड) बांध से बुधवार को गंगा में 1.34 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया, जबकि बिजनौर बैराज से डाउन स्टीम में 1.24 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया। गंगा में उफान आने से मंडावर खादर क्षेत्र के ग्राम ग्राम कोहरपुर, सीमली कला, सीमला, फतेहपुर सभाचंद, दयालवाला, मीरापुर, कुंदनपुर टीप,रावली, बालावाली, नारायणपुर, राजारामपुर, डैबलगढ़, लाडपुर लतीफपुर समेत दो दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। ग्रामीण सतीश, अर्जुन, लाला, कार्तिक, मुनेंद्र, रूपेंद्र, हेमेंद्र, नरेंद्र आदि का कहना है कि बुधवार को गंगा के जलस्तर में वृद्धि हुई है। यदि बारिश बंद नहीं हुई, तो क्षेत्र में बाढ़ का खतरा बढ़ जाएगा। वहीं इस बारिश से मालन, रवासन और कोटावाली नदी के जलस्तर में भी वृद्धि हुई है।
बेगावाला: गंगा और मालन नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है। रावली में स्थित रपटे पर एक-एक फुट मालन नदी का पानी बह रहा है। इस कारण ग्राम शहजादपुर, मान्सापुर, भोगपुर, चांदपुर समेत एक दर्जन से अधिक गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया। इन गांवों के ग्रामीण जान जोखिम में डालकर रपटा पार कर रहे है। वहीं गंगा और मालन नदी के किनारे खड़ी हजारों बीघा फसल जलमग्न हो गई। उधर, इस सम्बंध में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम सदर विक्रमादित्य मलिक का कहना है कि बाढ़ चौकियों को सतर्क कर दिया गया है।