किरतपर के इतवार बाजार में बेचे जा रहे प्रतिबंधित पक्षी
जेएनएन बिजनौर। हाईवे किनारे बीते कई दशकों से साप्ताहिक बाजार लगता आ रहा है। बाजार म
जेएनएन, बिजनौर। हाईवे किनारे बीते कई दशकों से साप्ताहिक बाजार लगता आ रहा है। बाजार में जनता की आवश्यकता की चीजों के साथ-साथ प्रशासन के ध्यान नहीं देने से कई प्रतिबंधित चीजों की बिक्री भी धड़ल्ले से हो रही है। कबूतर, बकरी, मुर्गे, भैस, मुर्गे, कटरे, बकरी, सफेद चूहों आदि की बिक्री के साथ साथ अब प्रतिबंधित चिड़िया, तोता, बटेर, तीतर आदि पिजरे में बंद कर बेचे जा रहे हैं। तोता और चिड़िया को लोग पक्षियों को पालने का शौक पूरा करने के लिए ले जाते हैं, जबकि तीतर व बटेर मांस खाने के लिए खरीदे जा रहे हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे दशकों पहले से लगने वाले साप्ताहिक इतवार बाजार में बकरीद पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश का काफी बड़ा बकरों का बाजार लगता है। इस बाजार में बकरा खरीदने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। यहां पर एक लाख रुपये तक की कीमत के बकरे बेचे जाते हैं। विगत लगभग सौ वर्षों से लगने वाले इतवार के बाजार में कपड़ा, जूते, मछली, सब्जी, मिर्च-मसालों के साथ घर की जरूरत का सभी सामान सस्ते दामों पर मिलता है। नगर के अलावा आसपास के दर्जनों गांवों के लोग एक हफ्ते का घर का जरूरी सामान खरीदने आते हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी काफी भीड़ रहने के कारण हर समय दुर्घटना का भय बना रहता है। वन विभाग का भी इस ओर कोई ध्यान नहीं है।
कालेज के सामने लग रहा पक्षियों का बाजार
पहले इतवार बाजार एक ही स्थान पर लगता था, लेकिन हाईवे पर भीड़ रहने के कारण बाजार तीन स्थानों पर लगाया जाने लगा। बाजार से आगे पेट्रोल पंप के पास पशुओं का बाजार लगाया जाने लगा। घरेलू सामान का बाजार पूर्व वाले स्थान पर ही लगाया जाता है, जबकि मुस्लिम इंटर कालेज के सामने खाली पड़े प्लाट में पक्षियों का बाजार लगाया जा रहा है।
..इनका कहना है
पक्षियों की बिक्री अवैध है और इनकी बिक्री किए जाने पर सजा का प्रावधान है। प्रतिबंधित पक्षियों की बिक्री करने वालों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी।
- शंकरनाथ गोस्वामी, वन दारोगा नजीबाबाद।