ममता का कर्ज, डयूटी का फर्ज निभा रही हैं अंजू

जेएनएन शामली ममता और डयूटी का फर्ज निभाने की सीख दे रही हैं महिला कांस्टेबल अंजू। जिल

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 10:45 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 11:06 PM (IST)
ममता का कर्ज, डयूटी का फर्ज निभा रही हैं अंजू
ममता का कर्ज, डयूटी का फर्ज निभा रही हैं अंजू

जेएनएन, शामली : ममता और डयूटी का फर्ज निभाने की सीख दे रही हैं महिला कांस्टेबल अंजू। जिले की शामली कोतवाली मे महिला हेल्प डेस्क पर तैनात सिपाही अंजू फर्ज व ममता की एक अनोखी नजीर पेश कर रही हैं। अंजू ना केवल अपनी दस महीने की बच्ची के साथ बाकायदा अपनी ड्यूटी को अंजाम दे रही हैं बल्कि एक आदर्श मां होने का भी कर्तव्य निभा रही हैं।

बुलंदशहर की मूल निवासी अंजू यादव मध्यम वर्गीय परिवार से है। वर्ष 2011 में वह उप्र पुलिस में भर्ती हुई। तीन साल पहले उनकी शादी वैभव के साथ हुई। वैभव भी उप्र पुलिस में है। अंजू को पुलिस में भर्ती होने के बाद पहले तैनाती जौनपुर, दूसरी मेरठ और तीसरी तैनाती शामली जिले में मिली। वह शामली में पिछले चार साल से है। शामली में महिला हेल्प डेस्क बनने पर उनको तैनात कर दिया गया। वैभव भी शामली में डायल 112 में तैनात हैं। पति-पत्नी अनुशासन के साथ नौकरी कर रहे हैं। अंजू की दस माह की छोटी सी बेटी वेदिका है। अंजू और वैभव यहां दोनों अकेले रहते हैं। ऐसे में अंजू पर अपनी डयूटी और मां का फर्ज निभाने की बड़ी जिम्मेदारी है, लेकिन अकेला होने के बाद भी अंजू ने हिम्मत नहीं हारी। डयूटी के साथ वह अपनी मासूम बेटी को साथ लेकर कोतवाली आती है और सुबह नौ से शाम छह बजे तक बेटी की देखभाल करते हुए डयूटी करती है। पिछले वर्ष लाकडाउन की डयूटी रही हो या फिर अन्य कोई उत्सव, सभी स्थानों पर अंजू ने अपनी डयूटी को बादस्तूर शिद्दत के साथ निभाया। पुलिस अधिकारी भी अंजू के फर्ज, कर्तव्य और मां की ममता के किरदार को पूरा करते हुए देखकर प्रसन्न रहते है। क्योंकि आज तक ऐसा कोई मौका नहीं आया जब अंजू ने अनुशासन का पालन न किया हो या फिर बताई डयूटी को न निभाया हो। अंजू का कहना है कि भले ही उनकी बेटी अभी छोटी है, लेकिन वह अपनी बेटी को परवरिश के लिए पूरा समय दे रही है, और पुलिस की डयूटी को भी। दिन हो रात, जब कभी उन्हें डयूटी के लिए बुलाया गया, वह तुरंत पहुंची और एक अच्छे अनुशासित सिपाही की तरह कर्तव्य पूरा किया।

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