लुभा रहे विभिन्न प्रकार से सजे धजे माटी के करवे
जेएनएन बिजनौर। बदलते जमाने के साथ चलते हुए कुम्हारों ने माटी के बर्तनों का स्वरूप बदल दिया है। करवा चौथ पर महिलाओं द्वारा चंद्रमा को जल से अर्ध्य देने को तैयार किए गए माटी के करवे को नए-नए डिजाइन में निर्माण किया है। केसरिया रंग से रंगाई कर करवे के ऊपर ओम व स्वस्तिक बनाएं गए हैं।
जेएनएन, बिजनौर। बदलते जमाने के साथ चलते हुए कुम्हारों ने माटी के बर्तनों का स्वरूप बदल दिया है। करवा चौथ पर महिलाओं द्वारा चंद्रमा को जल से अर्ध्य देने को तैयार किए गए माटी के करवे को नए-नए डिजाइन में निर्माण किया है। केसरिया रंग से रंगाई कर करवे के ऊपर ओम व स्वस्तिक बनाएं गए हैं।
इसे और अधिक आकर्षक बनाने के लिए इसके मुंह के ऊपर लेस लगाकर सजाया गया है। बाजार में सजे करवे 15 से 35 रुपए में बेचे जा रहे है। हर वर्ग की महिला करवा चौथ पर इस करवे का प्रयोग कर सकें। नगर की महिला गीता, पारुल, कुसुम, किरण चौहान, आरती, श्रद्धा राजपूत आदि का कहना है कि बिना मिट्टी के करवे के करवा चौथ का व्रत अधूरा है, क्योंकि माटी के करवे से ही चंद्रमा को अर्ध्य देकर व्रत खोलना शुभ माना जाता है। इसलिए अधिकतर महिलाएं माटी के करवे का ही प्रयोग करती हैं। उन्होंने बताया कि नगर के बाजारों में इस बार काफी सजे-धजे माटी के करवे नजर आ रहे हैं जिनकी महिलाएं बहुत ही चाब से खरीदारी कर रही है। चूड़ियों की खन-खन से गुलजार रहा बाजार
करवाचौथ की पूर्व संध्या पर शनिवार को बाजार गुलजार नजर आया। चूड़ियों की दुकानों पर महिलाओं की भारी भीड़ रही। ऐसे में बाजार चूड़ियों की खन-खन से गुलजार नजर आया। एक तरफ जहां महिलाओं में सजने-संवरने का उत्साह दिखा। जबकि, पार्लर व मेहंदी लगाने के लिए भी दुकानों पर महिलाओं का तांता लगा रहा।
करवाचौथ पर्व का महिलाओं को बेसब्री से इंतजार रहता है। पति के लिए सजने-संवरने का कोई मौका महिलाएं गंवाना नहीं चाहती। मेहंदी लगवाने से लेकर मेकअप के लिए खासा क्रेज रहता है। रविवार आज करवाचौथ मनाया जा रहा है। ऐसे में महिलाएं शनिवार को तैयारियों में जुटी रहीं। शनिवार को पूरे दिन बाजार में महिलाओं व नववाहिताओं की भीड़ रही। विशेषकर चूड़ियों की दुकानों पर भारी भीड़ रही। तरह-तरह की चूड़ियों की जमकर खरीदारी हुई। या कहें की बाजार चूड़ियों की खनक से गुलजार रहा। उधर, नगर के अधिकांश पार्लरों में भी भीड़ लगी रही। कोई मेकअप तो कोई मेहंदी लगवाने का इंतजार करती दिखी। शाम तक बाजार में महिलाओं का आना-जाना लगा रहा। इसके अलावा ज्वैलर्स व कपड़ों की दुकानें पर भी दिन भर भीड़ रही। विशेषकर नवविवाहिताओं में भी खासा उत्साह रहा। उन्होंने सजने संवरने के लिए कोई कमी नहीं छोड़ी।