लाकडाउन की साइकिल 'अनलाक'

जेएनएन बिजनौर। कोरोनाकाल के बीच लाकडाउन के दौरान साइकिल की अहमियत कोई उन कामगारों से पूछ

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 02:21 AM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 02:21 AM (IST)
लाकडाउन की साइकिल 'अनलाक'
लाकडाउन की साइकिल 'अनलाक'

जेएनएन, बिजनौर। कोरोनाकाल के बीच लाकडाउन के दौरान साइकिल की अहमियत कोई उन कामगारों से पूछे, जो महामारी से बचने के लिए साइकिल से ही सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए निकल पड़े थे। हम 15 वर्षीय ज्योति को भला कैसे भूल सकते हैं। घर जाने का जब कोई रास्ता नहीं सूझा तो किशोरी अपने पिता को साइकिल पर बैठाकर गुरुग्राम से 1200 किलोमीटर दूर दरभंगा पहुंच गई थी। यह बात अलग थी कि दूसरे राज्यों से बिहार व अन्य राज्यों की ओर जा रहे सैकड़ों कामगारों को बीच में क्वारंटाइन किया किया था, और उन्हें बस व ट्रेन आदि के माध्यम से भेजा गया था। इस दौरान सैकड़ों लोग अपनी साइकिल वहीं छोड़कर चले गए थे। इन साइकिलों का क्या हुआ, यह तो अभी सामने नहीं आया है, लेकिन बिजनौर तहसील प्रशासन ने एक अच्छी पहल की है। क्वारंटाइन सेंटर में छोड़ी गईं और कबाड़ में तब्दील हो रही करीब 450 साइकिलों को ठीक कराकर ग्रामीणों को सवारी के लिए मुफ्त उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। पहले चरण में 100 साइकिलों की व्यवस्था की गई है। इसके लिए शहर में दस स्टैंड बनाए जाएंगे।

मार्च 2020 में लाकडाउन लागू होने के बाद पूर्वांचल और बिहार के प्रवासी कामगारों को उनके घर पहुंचाने के लिए रोडवेज बसों की व्यवस्था की गई थी। कामगारों को बसों में सवार करने से पहले 72 घटे के लिए इंदिरा बाल भवन में बने क्वारंटाइन सेंटर में ठहराया गया था। उस दौरान करीब 450 कामगार अपनी साइकिलें यहीं पर छोड़ गए थे। बाद में कुछ व्यक्ति अपनी साइकिल वापस भी ले गए। ये साइकिलें कबाड़ में तब्दील हो रही थीं।

ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम सदर विक्रमादित्य मलिक ने इन साइकिलों की मरम्मत करा देहात से बिजनौर आवाजाही करने वाले ग्रामीणों को उपलब्ध कराने की योजना बनाकर जिला प्रशासन को भेजी। विचार -विमर्श के बाद डीएम रमाकात पाडेय ने इसे मंजूरी दे दी। इंदिरा बाल भवन में चौकीदारों की ड्यूटी लगाकर इन साइकिलों की मरम्मत का काम शुरू किया गया। दस स्थानों पर बनेंगे स्टैंड

देहात से बिजनौर में आवाजाही को आने वाले ग्रामीणों को साइकिल उपलब्ध कराने के लिए स्टैंड बनाने के लिए दस स्थान चिन्हित किए गए हैं। इन स्टैंडों पर ग्रामीण आइडी और मोबाइल नंबर देकर साइकिल लेंगे और वापसी में चिन्हित किसी भी स्टैंड पर साइकिल खड़ी कर सकते हैं। पहले चरण में इन स्टैंड पर 10-10 साइकिलें खड़ी कराई जाएंगी। पहचान के लिए सभी साइकिलों पर पीला पेंट किया गया है। ऐसे मिली प्रेरणा

ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम सदर विक्रमादित्य मलिक मूल रूप से सोनीपत के रहने वाले हैं। उन्होंने आक्सफोर्ड यूनिवíसटी से कानून की पढ़ाई की है। उन्होंने बताया कि कानून की पढ़ाई के दौरान उन्होंने इग्लैंड में देखा कि जगह-जगह बने स्टैंड पर साइकिलें खड़ी थीं, और लोग अपना काम समाप्त करने के बाद नजदीकी स्टैंड पर साइकिलें खड़ी कर देते थे। लाकडाउन के दौरान कामगारों द्वारा छोड़ी गई साइकिल देखी तो वहा की योजना याद आई। अब यहा उसपर काम शुरू कर दिया है।

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लाकडाउन में कामगारों द्वारा छोड़ी गई साइकिलों को इस्तेमाल करने के लिए एसडीएम सदर ने कार्ययोजना तैयार की है। सौ से अधिक साइकिलें ठीक करा ली गई हैं। जल्द ही योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा।

- रमाकात पाडेय, डीएम।

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