आक्सीजन की किल्लत: मरीज के साथ दम तोड़ रही व्यवस्था

आज कोरोना पीड़ित मरीज हर तरह से पिस रहा है। चाहे वह अस्पताल में भर्ती हो या घर पर आइसोलेट हो। परेशानी की सबसे बड़ी वजह आक्सीजन की किल्लत बनी हुई है। केवल मरीज ही नहीं तीमारदारों को भी कष्ट झेलना पड़ रहा है। हर तरफ लाचारी नजर आने और सामने-सामने मरीज की मौत होने पर तीमारदार मानसिक आघात भी झेल रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 03:50 AM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 03:50 AM (IST)
आक्सीजन की किल्लत: मरीज के साथ दम तोड़ रही व्यवस्था
आक्सीजन की किल्लत: मरीज के साथ दम तोड़ रही व्यवस्था

बिजनौर, जेएनएन। आज कोरोना पीड़ित मरीज हर तरह से पिस रहा है। चाहे वह अस्पताल में भर्ती हो या घर पर आइसोलेट हो। परेशानी की सबसे बड़ी वजह आक्सीजन की किल्लत बनी हुई है। केवल मरीज ही नहीं, तीमारदारों को भी कष्ट झेलना पड़ रहा है। हर तरफ लाचारी नजर आने और सामने-सामने मरीज की मौत होने पर तीमारदार मानसिक आघात भी झेल रहे हैं।

नजीबाबाद में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और समीपुर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर कोरोना जांच की व्यवस्था की गई थी। पिछले कुछ दिनों से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कोरोना जांच नहीं किए जाने का खामियाजा आम नागरिक को भुगतना पड़ रहा है। नजीबाबाद से तीन किलोमीटर दूर समीपुर अस्पताल पर काफी लोग पहुंच रहे हैं, लेकिन सभी की जांच नहीं हो पा रही है। वहीं, समीपुर अस्पताल को एल-2 सुविधायुक्त अस्पताल के रूप में संचालित किया जा रहा है, लेकिन पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन नहीं मिल पा रही है। आक्सीजन के अभाव में एक महिला को जिला अस्पताल में भेजा गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई। दूसरी ओर, समीपुर अस्पताल में भर्ती मरीजों के स्वजन अस्पताल के बाहर तनाव से भरा बड़ा मुश्किल वक्त गुजार रहे हैं। चिकित्सक के अनुसार बुधवार दोपहर तक अस्पताल में 13 मरीज आक्सीजन के सहारे उपचाराधीन थे।

केस-1 : कस्बा साहनपुर निवासी वृद्धा सुनीता का समीपुर अस्पताल में आक्सीजन के सहारे उपचार चल रहा था। सुनीता की पुत्री ज्योति ने बताया कि मंगलवार शाम आक्सीजन खत्म होने और मरीज की हालत बिगड़ने की बात कहकर उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया। जिला अस्पताल में त्वरित उपचार और समय पर आक्सीजन नहीं मिली। जिम्मेदार अधिकारियों ने फोन रिसीव नहीं किए। चिकित्सा अधीक्षक ने घर का दरवाजा नहीं खोला। आधी रात को मां की मृत्यु हो गई। इतना ही सुबह तक मां का शव यूं ही अस्पताल में पड़ा रहा। सुबह नौ बजे शव दिया गया।

केस-2 : कैमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के जिला महामंत्री हिमांशु भारद्वाज ने बताया कि अस्पतालों के हालात ज्यादा खराब हैं। उनकी माताजी तर्जुन भारद्वाज घर पर ही आइसोलेट हैं। चिकित्सीय परामर्श पर उपचाराधीन हैं। सरकार ने जनपद में आक्सीजन की व्यवस्था, आपूर्तिकर्ताओं और ट्रांसपोर्टरों से समन्वय का दायित्व एडीएम प्रशासन, औषधि निरीक्षक और एआरटीओ को सौंपा है। आक्सीजन के लिए एडीएम और औषधि निरीक्षक से संपर्क करने का प्रयास किया, तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। औषधि निरीक्षक के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने बताया कि आक्सीजन सिलेंडर सीएमओ साहब दिलाएंगे।

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