एल-1 अस्पताल में रेमडेसिविर और वेंटिलेटर की कमी

नाइट क‌र्फ्यू और लाकडाउन के बाद भी कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। कोविड-19 के मरीजों के लिए जिला अस्पताल में बने एल-1 अस्पताल के लिए अब तक न तो रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध हुए है और न ही अस्पताल में उपलब्ध वेंटिलेटर को संचालित करने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ ही मौजूद है। यही कारण है कि गंभीर कोरोना संक्रमितों को रेफर करने के अलावा कोई उपाय नहीं बचता है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 01:31 AM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 01:31 AM (IST)
एल-1 अस्पताल में रेमडेसिविर और वेंटिलेटर की कमी
एल-1 अस्पताल में रेमडेसिविर और वेंटिलेटर की कमी

जेएनएन, बिजनौर। नाइट क‌र्फ्यू और लाकडाउन के बाद भी कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। कोविड-19 के मरीजों के लिए जिला अस्पताल में बने एल-1 अस्पताल के लिए अब तक न तो रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध हुए है और न ही अस्पताल में उपलब्ध वेंटिलेटर को संचालित करने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ ही मौजूद है। यही कारण है कि गंभीर कोरोना संक्रमितों को रेफर करने के अलावा कोई उपाय नहीं बचता है।

कोरोना संक्रमण ने कहर बरपा रखा है। संक्रमितों की संख्या बढ़ते देख जिले में पहले नाइट क‌र्फ्यू लगा दिया गया था। इसके बाद पहले रविवार और अब शासन ने प्रत्येक शनिवार और रविवार को लाकडाउन की घोषणा कर दी है। इसके बाद भी संक्रमितों के मिलने का क्रम जारी है। हालत यह है कि जिले में प्रतिदिन मरीजों की संख्या में वृद्धि होने लगी है। मरीजों के लिए कोरोना संक्रमितों के लिए जिला अस्पताल में एल-1 अस्पताल तो बन चुका है, लेकिन सुविधाओं के अभाव में स्थिति विकट बनी हुई है।

वेंटिलेटर है लेकिन प्रशिक्षित स्टाफ नहीं

कोरोना मरीजों के लिए आज तक जिला अस्पताल को रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हुए हैं। जिला अस्पताल में 10 वेंटिलेटर तो उपलब्ध है, लेकिन उन्हें संचालित करने के लिए एक भी प्रशिक्षित स्टाफ नहीं है। अलबत्ता आक्सीजन की कमी नहीं है। सीएमएस डा. ज्ञानचंद का कहना है कि अस्पताल में वर्तमान में 25 बड़े और 90 छोटे आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हैं। आक्सीजन सिलेंडर के खाली होते ही उन्हें भरवा लिया जाता है। आक्सीजन मिलने में अभी तक किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई है।

रेमडेसिविर को तरसा एल-1 अस्पताल

जिले भर में अब तक 6247 कोरोना संक्रमित मिल चुके है। संक्रमितों की संख्या प्रतिदिन रिकार्ड तोड़ रही है। वर्तमान में 1369 सक्रिय रोगी है। अब तक 73 लोगों की कोरोना की चपेट में आकर मौत भी हो चुकी है। 98 बैड वाले एल-1 अस्पताल में वर्तमान में 34 संकमित भर्ती है। जबकि बाकी घरों में हैं अथवा टीएमयू मुरादाबाद रेफर कर दिए गये हैं लेकिन आज तक जिले को एक भी रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हुआ है।

मरीजों को खानपान व दवाओं का रखा जाता है ख्याल

सीएमएस डा. ज्ञानचंद का कहना है कि भर्ती मरीजों के नाश्ते, खाने व दवाओं का ख्याल रखा जाता है। किसी भी मरीज को दवाओं की कमी नहीं होने दी जाएगी।

बाहर से आने वाले कामगारों की होती है थर्मल स्कैनिग

सीएमओ डा. विजय कुमार यादव का कहना है कि बाहर से आने वाले कामगारों की ब्लाक स्तरीय पीएचसी पर थर्मल स्कैनिग की जा रही है। संदिग्ध पाये जाने पर उसकी जांच कराई जाती है। पाजीटिव पाये जाने पर उसका समुचित उपचार किया जाता है।

दवाओं की कमी नहीं

औषधि निरीक्षक आशुतोष मिश्रा का कहना है कि कोरोना संक्रमित रोगियों के लिए पैरासिटामोल, आइवर मैक्टिन, अजीथ्रोमाईसीन, डॉक्सीसइक्लिन, जिक, कैलसिरोल सैचेट, विटामिन सी की टेबलेट कारगर है। ये सभी बाजार में प्रचूर मात्रा में उपलब्ध हैं। ब्लैक करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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