किसानों की बस्ती में मजबूरी की 'कश्ती'

खादर इलाके में बाढ़ लोगों की नियति बन गई है। पूंडरीकला और उसके आसपास के कई गांवों के ग्रामीणों के कामकाज एक कश्ती के भरोसे निपट रहे हैं। नदी पार करने का इन गांव वालों के पास कोई स्थाई साधन नहीं है। सरकार से लगातार मांग करने के बावजूद नदी पर पुल नहीं बनाया गया है। और हां ट्यूब और लकड़ी के तख्त के सहारे बना यह जुगाड़ जान-माल की सुरक्षा की गारंटी कतई नहीं देता।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 10:40 AM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 10:40 AM (IST)
किसानों की बस्ती में मजबूरी की 'कश्ती'
किसानों की बस्ती में मजबूरी की 'कश्ती'

जेएनएन, बिजनौर। खादर इलाके में बाढ़ लोगों की नियति बन गई है। पूंडरीकला और उसके आसपास के कई गांवों के ग्रामीणों के कामकाज एक कश्ती के भरोसे निपट रहे हैं। नदी पार करने का इन गांव वालों के पास कोई स्थाई साधन नहीं है। सरकार से लगातार मांग करने के बावजूद नदी पर पुल नहीं बनाया गया है। और हां, ट्यूब और लकड़ी के तख्त के सहारे बना यह जुगाड़ जान-माल की सुरक्षा की गारंटी कतई नहीं देता। पहले होता था घिरनी पुल का इस्तेमाल

तीन वर्ष पहले तक मालन नदी को पार करने के लिए घिरनी पुल का इस्तेमाल होता रहा है। जनसुविधा के लिए अपने खर्च पर इस पुल को बनाने वाले लोग खर्च की पूर्ति करने और कुछ आजीविका का साधन बनाते हुए लोगों को पुल पार कराने के एवज में शुल्क ले लेते थे। प्रशासन ने घिरनी पुल को जनसुरक्षा के लिए खतरा मानते हुए हटवा दिया था। वजन का मानक होता है तय

रबर की चार ट्यूब में हवा भरकर उसके ऊपर लकड़ी का तख्ता बांधकर कश्ती बनाई गई है। पानी की सतह पर सुरक्षित आवागमन के लिए इसका मानक छह कुंतल वजन है। औसतन 10 लोग इसमें सवार हो सकते हैं।

बोले ग्रामीण नदी पर पुल की दशकों से मांग लंबित है। प्रतिवर्ष नदी में उफान आता है और ग्रामीणों का संपर्क अपने खेतों व आसपास के क्षेत्र से टूट जाता है।

-विशंभर सिंह नदी पर बने अस्थाई रपटे से होकर ही नजीबाबाद एवं किरतपुर आवागमन करते हैं। अस्थाई रपटा ध्वस्त होने पर परेशानी काफी बढ़ जाती है।

-जयप्रकाश सिंह कुछ लोग पूर्व में घिरनी के पुल से बाइक व कृषि उपकरण सहित ग्रामीणों को नदी पार कराते थे। प्रशासन की सख्ती से कई वर्षों से यह भी बंद हो गया है।

-ऊषा देवी प्रशासन को क्षेत्र की समस्या को देखते हुए नदी पर शीघ्र पुल बनाना चाहिए। आज भी गांव के लोग मुख्यधारा से कटे हुए हैं। बरसात में अलग-थलग पड़ जाते हैं।

-रूमा देवी इनका कहना है:

अस्थाई रपटा बह जाने के बाद आवागमन की समस्या खड़ी हो जाना चिता का विषय है। इस समस्या के समाधान के लिए लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता से संपर्क कर समस्या का समाधान तलाशा जाएगा।

-परमानंद झा, एसडीएम नजीबाबाद

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