जमकर बरसे बदरा 60 मिमी हुई जिले में बारिश
शनिवार सुबह आसमान में काले काले बादल छाए रहे। काले बादलों से दिन की शुरूआत हुई। आसमान में काले बादल और ठंडी हवा चलती रही। करीब दस बजे जनपद में बारिश शुरू हो गई। रूक रूक कर दोपहर तक बारिश हुई। दोपहर में कुछ समय के लिए धूप निकली लेकिन फिर आसमान में बादलों ने सूर्यदेव को अपने पीछे छुपा लिया।
जेएनएन, बिजनौर। शनिवार सुबह आसमान में काले काले बादल छाए रहे। काले बादलों से दिन की शुरूआत हुई। आसमान में काले बादल और ठंडी हवा चलती रही। करीब दस बजे जनपद में बारिश शुरू हो गई। रूक रूक कर दोपहर तक बारिश हुई। दोपहर में कुछ समय के लिए धूप निकली, लेकिन फिर आसमान में बादलों ने सूर्यदेव को अपने पीछे छुपा लिया। शुक्रवार-शनिवार रात्रि भी जिले में बारिश हुई। बारिश से जहां गन्ने की फसल को लाभ पहुंचा, वहीं शहर व गांवों की सड़कों पर जलभराव होने से लोगों को परेशानी हुई। वैसे पिछले तीन दिनों से बारिश हो रही है। मैदानी व पहाड़ी क्षेत्र में अच्छी बारिश होने से गंगा, मालन आदि नदियों का जल स्तर बढ़ गया।
कोतवाली देहात : शनिवार सुबह आसमान में काले बादल छाने के बाद काफी समय तक मोटी-मोटी बूंदों के साथ झमाझम बारिश होती रही। दोपहर एक बजे तक बादलों के बारिश का सिलसिला जारी रहा। बारिश होने से खेतों में पानी भर गया। लेट बोए गए गन्ने में बारिश से निराई-गुड़ाई का मौका नहीं दे रही है। मौसम विभाग नगीना के वैज्ञानिक सतीश कुमार ने बताया कि गत 15 सालों में अब तक इतनी बारिश नहीं हुई है। नगीना के कृषि अनुसंधान केंद्र के अनुसार जनपद में 60 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है। दिन का तापमान 27.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ और रात का तापमान 23.0 डिग्री बना रहा।
नजीबाबाद: किसान पिछले कई दिनों से फसलों को बचाने के लिए सिचाई कर रहे थे। धान की बुवाई करने को जमीन को तैयार कर बारिश की प्रतीक्षा में बैठे थे। किसानों रामकुमार, घसीटा सिंह, अनिल चौहान, बृजेश कुमार, संदीप सिंह का कहना है कि इस समय किसानों को पैसे खर्च कर सिचाई कर फसलों को बचाने में लगे थे। गन्ना, चरी आदि फसलों को बारिश से लाभ पहुंचा है। पर्वतीय एवं मैदानी क्षेत्र में लगातार बारिश होने से मालन का जलस्तर बढ़ गया।
नगीना : तेज हवा के साथ हुई बारिश से तापमान में गिरावट दर्ज की गई, जिसके चलते मौसम सुहाना हो गया। किसान धर्मेंद्र, विपिन, सुनील, राजकुमार, कपूर सिंह आदि का कहना है कि जून माह में भीषण गर्मी रहती है तथा फसलें सूखने की कगार पर चली जाती है। इस समय वर्षा होने से भारी राहत महसूस हुई है।