नमामि गंगे जैविक खेती योजना को धरातल पर उतारें

मुख्य विकास अधिकारी केपी सिंह ने शुक्रवार को कलक्ट्रेट सभाकक्ष में कृषि विविधीकरण परियोजना यूपी डास्प की वित्तीय वर्ष 2021-22 में नमामि गंगे जैविक खेती योजना को धरातल पर उतारने के दिए निर्देश दिए।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 06:32 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 06:32 PM (IST)
नमामि गंगे जैविक खेती योजना को धरातल पर उतारें
नमामि गंगे जैविक खेती योजना को धरातल पर उतारें

जेएनएन, बिजनौर। मुख्य विकास अधिकारी केपी सिंह ने शुक्रवार को कलक्ट्रेट सभाकक्ष में कृषि विविधीकरण परियोजना यूपी डास्प की वित्तीय वर्ष 2021-22 में नमामि गंगे जैविक खेती योजना को धरातल पर उतारने के दिए निर्देश दिए।

उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित करें। वहीं उन्होंने नमामि गंगे परियोजना की सहयोगी एजेन्सी द्वारा दिए गए डीपीआर के परिपेक्ष्य में भौतिक प्रगति की समीक्षा की। वहीं खरीफ सीजन में उगाई जाने वाली जैविक फसलों के उत्पादित जैविक उत्पादों की पैकेजिग एवं विपणन के लिए उचित बाजार व्यवस्था, एफपीओ के गठन की समीक्षा की। बैठक में एडीएम प्रशासन भगवान शरण पटेल,जिला कृषि अधिकारी डा. अवधेश मिश्रा समेत संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

-एक सप्ताह में आवेदन करें निस्तारित

बिजनौर : सीडीओ केपी सिंह ने कलक्ट्रेट सभाकक्ष में हुई जिला स्तरीय स्वीकृति समिति की बैठक में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, सामान्य जाति, अन्य पिछड़ावर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग के गरीब व्यक्तियों की बेटियों की शादियों के लिए अनुदान स्वीकृति संबंधी आवेदनपत्रों को एक सप्ताह में निस्तारण के आदेश दिए। बैठक में एडीएम वित्त एवं राजस्व अवधेश कुमार मिश्र, एसडीएम सदर विक्रमादित्य मलिक समेत सभी एसडीएम एवं जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी और सभी बीडीओ मौजूद थे। बटाईदार भी उठा सकते हैं बीमा योजना का लाभ

बिजनौर। मुख्य विकास अधिकारी केपी सिंह ने शुक्रवार को कलक्ट्रेट सभाकक्ष में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की बिदुवार समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ ऋणी और गैर ऋणी किसानों के साथ ही बटाईदार भी उठा सकते हैं। इस योजना में अनाज, दलहन-तिलहन, वार्षिक वाणिज्यिक तथा बागवानी फसलें शामिल हैं।

सीडीओ ने बताया कि इस योजना में बीमा राशि जिला स्तर की तकनीकी समिति द्वारा तय किए गए वित्त की सीमा के समान और बराबर होती है, जबकि इसके प्रीमियम की राशि खरीफ में अधिकतम दो प्रतिशत, रबी में डेढ़ प्रतिशत तथा वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए अधिकतम पांच प्रतिशत है। इस योजना में किसी भी उम्र के किसान जुड़ सकते हैं। योजना से जुड़ने के लिए किसानों के पास आधार कार्ड, बैंक खाता और खसरा खतौनी होना जरूरी है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन इफको-टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड द्वारा किया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं से अधिसिचित क्षेत्र में बोई गई अधिसूचित फसल को बीमा प्रदान करने के साथ-साथ कृषि में उन्नत तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा देना है। बैठक में एडीएम वित्त एवं राजस्व अवधेश कुमार मिश्र, उपनिदेशक कृषि प्रसार गिरीश चंद, जिला अर्थ व सांख्या अधिकारी डा. हरेंद्र, जिला कृषि अधिकारी डा. अवधेश मिश्रा समेत संबंधित विभागों के अधिकारी एवं बैंकर्स मौजूद थे।

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