विद्यालय स्वच्छ तो विद्यार्थी रहेंगे स्वस्थ
परिवेश को स्वच्छ रखने के लिए साफ-सफाई बेहद जरूरी है। कोरोना काल में स्वयं को स्वस्थ रखना कीटाणु मुक्त वातावरण बनाए रखना चुनौतीपूर्ण है। सामूहिक प्रयास बड़ी से बड़ी समस्या का निदान होता है। जागरण आपके द्वार के स्वच्छता अभियान से जुड़कर विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने स्वच्छता का महत्व समझा। विद्यार्थियों ने शारीरिक दूरी का पालन करते हुए एमडीएस इंटर कालेज परिसर में श्रमदान कर साफ-सफाई की।
जेएनएन, बिजनौर। परिवेश को स्वच्छ रखने के लिए साफ-सफाई बेहद जरूरी है। कोरोना काल में स्वयं को स्वस्थ रखना, कीटाणु मुक्त वातावरण बनाए रखना चुनौतीपूर्ण है। सामूहिक प्रयास बड़ी से बड़ी समस्या का निदान होता है। जागरण आपके द्वार के स्वच्छता अभियान से जुड़कर विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने स्वच्छता का महत्व समझा। विद्यार्थियों ने शारीरिक दूरी का पालन करते हुए एमडीएस इंटर कालेज परिसर में श्रमदान कर साफ-सफाई की। विद्यार्थियों ने कालेज परिसर में पौधारोपण भी किया। शिक्षकों ने विद्यार्थियों को स्वच्छता एवं पर्यावरण के प्रति जागरूक रहने की सलाह दी। इनका कहना है:
दैनिक जागरण के स्वच्छता अभियान ने प्रभावित किया है। विद्यार्थियों ने अभियान से जुड़कर स्वच्छता की सीख ली है, जो निश्चित ही उनके देश व समाज हित में काम आएगी।
-प्रधानाचार्य अनुपम माहेश्वरी कोरोना काल में परिवेश को स्वच्छ रखना हम सबका दायित्व है। यही बात जागरण के स्वच्छता अभियान से सामने आई है। विद्यार्थियों ने माना है बेहतर स्वास्थ्य के लिए परिवेश को स्वच्छ रखना जरूरी है।
-प्रमोद कुमार, शिक्षक जहां स्वच्छता वहां देवता भी निवास करते हैं। कालेज स्वच्छता का असर विद्यार्थियों व शिक्षकों के स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव छोड़ेगा। कालेज के साथ घर व आसपास के परिवेश को स्वच्छ बनाना हम सबका दायित्व है।
-देव कुमार त्यागी कोरोना काल ने हमें सीख दी है कि स्वयं को बीमारी से बचाने के लिए हमें स्वच्छता के प्रति सजग रहना होगा।
-सचिन गुप्ता घर, स्कूल व कक्षा साफ-स्वच्छ रहेगी तो विद्यार्थियों को स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। सामूहिक प्रयास से यह काम ओर भी आसान हो जाता है।
-हरेंद्र सिंह तोमर स्कूल नहीं बल्कि सड़क किनारे, घर में खाली जगह पर पौधारोपण कर विद्यार्थी पर्यावरण का सारथी बनें और स्वच्छता को मन से अपनाएं।
-गुड्डू सिंह जागरण के स्वच्छता अभियान से जुड़कर अच्छा लगा। विद्यार्थियों के साथ शिक्षकों ने भी स्वच्छता के मूलमंत्र को माना है।
-केएस यादव
साफ-सफाई के प्रति लापरवाही स्वयं को ही नुकसान पहुंचाती है। अपने परिवेश को सुंदर बनाने के लिए परिवेश को स्वयं ही स्वच्छ करना होगा।
-चंद्रपाल सिंह