आजीविका चलाने का मजदूरी कर रहे सैकड़ों कामगार असाइनमेंट की खबर ..
जेएनएन बिजनौर। लाकडाउन के दौरान वापस लौटे सैकड़ों कामगार अपनी आजीविका चलाने के लिए म
जेएनएन, बिजनौर। लाकडाउन के दौरान वापस लौटे सैकड़ों कामगार अपनी आजीविका चलाने के लिए मजदूरी कर रहे है। हालांकि सरकारी स्तर पर 8,528 कामगारों को मनरेगा के तहत रोजगार दिया जा रहा है।
लाकडाउन लागू होने के बाद बिजनौर जिले में गैर राज्यों और जिलों से प्रवासी कामगारों की घर वापसी शुरू हो गई थी। जिले में 17,011 प्रवासी कामगार वापस लौटे, इनमें 8,528 अकुशल कामगारों को मनरेगा के तहत मजदूरी देने का काम किया गया, जबकि 7,992 कामगारों के नए जॉबकार्ड बनाने के बाद रोजगार दिलाए जाने की व्यवस्था की जा चुकी है। इसके अलावा सेवा योजन, श्रम विभाग के पोर्टल पर पंजीकृत 3,195 कुशल कामगारों की स्किल मैपिग की गई, जो कारपेंटर, वाहन चालक, इलेक्ट्रीशियन, पेंटर आदि कार्यों में दक्ष हैं। वहीं 365 महिलाएं मेट और 1,458 प्रवासी महिला कामगारों को स्वयं सहायता समूह से जोड़ा जा चुका है, जबकि सैकड़ों कामगार अभी आजीविका चलान के लिए मजदूरी करने को मजबूरी है।
उधर धामपुर तहसील क्षेत्र में हजारों कामगार बाहरी राज्यों से लौटे थे। वहीं सैकड़ों अनलाक लागू होने के बाद दिल्ली, जालंधर, अहमदाबाद, सूरत आदि शहरों करने के लिए वापस लौट गए। कुछ कामगार वर्तमान में जदूरी करने को मजबूर हैं। वहीं नहरों की सफाई अधिकतर क्षेत्रों में जेसीबी से कराई जा रही है। एसडीएम धीरेन्द्र सिंह ने बताया कि जो कामगार बाहरी राज्यों से लौटे थे, श्रम विभाग द्वारा उनका रजिस्ट्रेशन करते हुए काम दिलाया गया था।
..इनका कहना है
लाकडाउन के दौरान वापस लौटे हजारों अकुशल प्रवासी कामगारों को मनरेगा के तहत रोजगार दिया गया। इसके अलावा कुशल कामगारों की स्किल मैपिग के बाद उनका पंजीकरण कराकर उन्हें रोजगार दिलाने का काम जिले में चल रहा है।
-केपी सिंह, सीडीओ।