नहर पटरी टूटने से सैकड़ों बीघा फसलें जलमग्न

पैजनियां क्षेत्र के ग्राम शादीपुर मिलक के जंगल से गुजर नहर की पटरी मंगलवार की रात करीब आठ बजे टूट गई। नहर का पानी सैकड़ों बीघा में खड़ी गन्ना बाजरा चरी धान मक्का समेत कई अन्य फसलों में भर गया। वहीं गांव के मुख्य मार्ग पर जलभराव से ग्रामीणों की आवाजाही बंद हो गई। ग्रामीणों ने नहर पटरी टूटने की सूचना सिचाई विभाग के अधिकारियों को दूरभाष पर दी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 07:55 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 07:55 AM (IST)
नहर पटरी टूटने से सैकड़ों बीघा फसलें जलमग्न
नहर पटरी टूटने से सैकड़ों बीघा फसलें जलमग्न

जेएनएन, बिजनौर। पैजनियां क्षेत्र के ग्राम शादीपुर मिलक के जंगल से गुजर नहर की पटरी मंगलवार की रात करीब आठ बजे टूट गई। नहर का पानी सैकड़ों बीघा में खड़ी गन्ना, बाजरा, चरी, धान, मक्का समेत कई अन्य फसलों में भर गया। वहीं गांव के मुख्य मार्ग पर जलभराव से ग्रामीणों की आवाजाही बंद हो गई। ग्रामीणों ने नहर पटरी टूटने की सूचना सिचाई विभाग के अधिकारियों को दूरभाष पर दी।

ग्रामीणों का आरोप है कि सिचाई विभाग के किसी भी अधिकारी ने मौके पर टूटी नहर पटरी की मरम्मत कराना मुनासिब नहीं समझा। गुससाए राजू सिंह, सोवीर सिंह, दिनेश कुमार, कोकिल कुमार, करणवीर सिंह, महेंद्र सिंह, विपुल कुमार, दाताराम, अर्जुन सिंह आदित्य सिंह की विलंब से नहर पटरी की मरम्मत कराने अवर अभियंता नरेंद्र कुमार से नोकझोंक हुई।

आक्रोशित किसानों का कहना था वह कई बार जर्जर नहर की पटरी मरम्मत कराए जाने की मांग कर चुके हैं, कितु किसी अधिकारी ने पटरी की मरम्मत नहीं कराई। ग्रामीणों ने नहर के पानी में डूबी फसलों का मुआवजा दिलाए जाने की मांग की। उधर, अवर अभियंता नरेंद्र सिंह का कहना है कि उन्होंने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, कितु वह बिना मांग पूरी हुए पटरी की मरम्मत कराए जाने पर राजी नहीं हुए। बारिश से ग्रामीण का पुराना मकान गिरा

स्योहारा क्षेत्र में दो दिनों से रुक-रुककर बारिश हो रही है। इससे जनजीवन भी अस्त-व्यस्त हो गया है, वहीं पुराने मकानों को खतरा बना हुआ है। स्योहारा थाना क्षेत्र के गांव अकबरपुर आशा उर्फ हरौली में तस्लीम पुत्र अल्लाहरखा का काफी पुराना मकान है। लगातार हो रही बारिश से बुधवार सुबह अचानक मकान के अगले हिस्से की दीवार और छत का कुछ भाग भरभरा कर नीचे आ गिरा। तस्लीम ने बताया कि उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, किसी तरह मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का गुजारा कर रहा है। मकान गिरने से परेशानी और बढ़ गई है। पीड़ित परिवार की ओर से लेखपाल को सूचना दी गई है, साथ ही तहसील प्रशासन से मुआवजा दिलाने की मांग की है।

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