परशुराम जयंती पर किया हवन-यज्ञ

धामपुर स्थित बड़ी मंडी स्थित सूरजभान धर्मशाला में भगवान परशुराम का प्रकटोत्सव मनाया गया। इस मौके पर हवन यज्ञ किया गया तथा परशुराम की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराया गया। इस अवसर पर उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके आदर्शो पर चलने पर जोर दिया गया। इस दौरान शासन की गाइडलाइन का पालन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 10:43 PM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 10:43 PM (IST)
परशुराम जयंती पर किया हवन-यज्ञ
परशुराम जयंती पर किया हवन-यज्ञ

जेएनएन, बिजनौर। धामपुर स्थित बड़ी मंडी स्थित सूरजभान धर्मशाला में भगवान परशुराम का प्रकटोत्सव मनाया गया। इस मौके पर हवन यज्ञ किया गया तथा परशुराम की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराया गया। इस अवसर पर उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके आदर्शो पर चलने पर जोर दिया गया। इस दौरान शासन की गाइडलाइन का पालन किया गया।

गुरुवार को आयोजित कार्यक्रम के दौरान हवन यज्ञ का आयोजन किया गया तथा भगवान परशुराम की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराया गया। हवन-यज्ञ पंडित दिनेश चंद्र भारद्वाज ने संपन्न कराया। साथ ही हवन-यज्ञ में आहुति देकर परिवार में सुख-शांति की कामना भी की गई। इस अवसर पर उनके आदर्शों पर चलने का भी आह्वान किया गया। साथ ही कोरोना से बचने को सावधानी बरतने पर भी जोर दिया गया। कार्यक्रम में अनिल शर्मा एडवोकेट, अनिल शर्मा, अश्वनी पंडित, विनीत कौशिक, संजय कात्यायन आदि उपस्थित रहे।

भगवान परशुराम का जन्मोत्सव मनाया

नजीबाबाद में अखिल भारतीय परशुराम दल ने परशुराम का जन्मोत्सव मनाया। कार्यकर्ताओं ने भगवान परशुराम के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से प्रेरणा लेकर सनातन धर्म की रक्षा का संकल्प लिया।

अखिल भारतीय दल के तहसील प्रभारी पंडित प्रफुल्ल वशिष्ठ के निर्देशन में कार्यकर्ताओं ने कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए भगवान परशुराम का जन्मोत्सव मनाया। कार्यकर्ताओं ने भगवान परशुराम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर उनकी जय-जयकार की। पंडित सुनील वशिष्ठ ने कहा कि भगवान परशुराम ब्राह्मण समाज व सनातन धर्म के रक्षक एवं हितैषी रहे। उन्होंने समाज में समरता, समानता और न्याय स्थापित करने के लिए जीवन संघर्ष किया। भगवान परशुराम ने 21 बार पृथ्वी को अत्याचारी राजाओं के अत्याचार से मुक्त कर पृथ्वी पर समरता, समानता और न्याय की स्थापना की। पंडित संदीप पांडे, पंडित विभोर गौतम, निकुंज भारद्वाज, विशाल भारद्वाज, पंडित मुदित एडवोकेट, पंडित नीतू वशिष्ठ आदि ने भगवान परशुराम के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से प्रेरणा लेकर सनातन धर्म की रक्षा करने का संकल्प लिया।

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