किसान और व्यापारियों की हरसंभव मदद करे सरकार
सांसद मलूक नागर ने सोमवार को सदन में सरकार से कोरोना से बचाव के लिए लागू किए गए लाकडाउन से प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था में सुधार लाए जाने के लिए तैयार की गई योजना का ब्यौरा मांगा।
बिजनौर, जेएनएन। सांसद मलूक नागर ने सोमवार को सदन में सरकार से कोरोना से बचाव के लिए लागू किए गए लाकडाउन से प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था में सुधार लाए जाने के लिए तैयार की गई योजना का ब्यौरा मांगा। उन्होंने सरकार से किसान और व्यापारियों की हरसंभव मदद किए जाने की मांग भी रखी।
सांसद ने कहा कि देश में कोरोना संक्रमण फैलने से पूर्व सरकार ने पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य तय किया था। उन्होंने सवाल किया कि वर्तमान में कितने ट्रिलियन डॉलर के रूप में देश की अर्थव्यवस्था है। देश में कोरोना के बाद अर्थव्यवस्था कितनी प्रभावित हुई है। यदि गिरावट आई है तो देश की अर्थव्यवस्था में सुधार लाने और उसे पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सरकार क्या उपाय कर रही है। इसके जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष के विश्व आर्थिक आउटलुक डेटाबेस अप्रैल 2021 के अनुसार मौजूदा कीमतों पर ट्रिलियन अमरीकी डॉलर में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) राजकोषीय वर्ष 2018-19 में 2.7, 2019-20 में 2.9, 2020-21 में 2.7 और 2021-22 में अनुमान 3.0 है। वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान भारत के नोमिनल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में रुपये के संदर्भ में 3.0 प्रतिशत की कमी आई है। सांसद ने कहा कि कोरोना वायरस के बाद देश आर्थिक मंदी से गुजर रहा है। सरकार को चाहिए कि वह सबसे पहले किसानों, व्यापारियों और मजदूरों की हरसंभव मदद करें। - - - - - - व्यापारियों ने किया प्रदर्शन, ज्ञापन सौंपा
बिजनौर : उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के पदाधिकारियों ने विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर सोमवार को कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया कि पिछले डेढ़ साल में कोरोना से बचाव को लागू लाकडाउन की वजह से व्यापारी वर्ग की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है।
अगस्त माह में हरियाली तीज, रक्षाबंधन और श्रीकृष्ण जन्माष्टमी है। बाजारों में दो दिन की साप्ताहिक बंदी लागू है, जबकि आन लाइन शापिग और शापिग माल को पूरे सप्ताह खुलने की छूट दी गई है। इसका असर बाजार पर पड़ रहा है। ज्ञापन में सरकार से पूर्व की भांति साप्ताहिक बंदी लागू करने और दो दिन की साप्ताहिक बंदी को समाप्त किए जाने की मांग की गई। ज्ञापन देने वालों में मनोज कुच्छल, मुनीष त्यागी, सचिन राजपूत, दिलशाद खान, चिराग सेठी, मानव सचदेवा, मनु कुमार, अरिवंदर, तन्नू पठान समेत कई अन्य व्यापारी मौजूद थे।