डेयरी विकास निधि से लाभान्वित किसानों का ब्योरा दे सरकार
सांसद मलूक नागर ने सदन में सरकार से डेयरी प्रसंस्करण एवं अवसंरचना विकास निधि के तहत लाभान्वित होने वाले गांवों के दुग्ध उत्पादकों का ब्योरा मांगा। सांसद ने कहा कि डेयरी से पूरे साल आय प्राप्त होती है। करीब आठ करोड़ ग्रामीण परिवार इस कारोबार से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि लाकडाउन की वजह से कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
जेएनएन, बिजनौर। सांसद मलूक नागर ने सदन में सरकार से डेयरी प्रसंस्करण एवं अवसंरचना विकास निधि के तहत लाभान्वित होने वाले गांवों के दुग्ध उत्पादकों का ब्योरा मांगा। सांसद ने कहा कि डेयरी से पूरे साल आय प्राप्त होती है। करीब आठ करोड़ ग्रामीण परिवार इस कारोबार से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि लाकडाउन की वजह से कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सरकार को संभावित तीसरी लहर को देखते हुए अलर्ट रहना चाहिए।
सांसद ने सदन में मत्स्य पालन एवं पशुपालन मंत्री से सवाल किया कि राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड ने 440 करोड़ की पहली किस्त दी थी। इस किश्त में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए उपयोग की गई धनराशि से लाभान्वित होने वाले किसानों को ऋण के रूप में कितनी धनराशि प्रदान की गई। सांसद ने बताया कि उनके सवालों के जवाब में मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री ने कहा कि डेयरी प्रसंस्करण और अवसंरचना विकास निधि के तहत 30 जून तक 24,120 गांवों को कवर किया गया है। बिजनौर संसदीय क्षेत्र के लिए कोई परियोजना प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड ने सहकारी दुग्ध संघों को प्रथम किस्त के रूप में 440 करोड़ रुपये की धनराशि वितरित की गई और 10,65,580 किसान लाभान्वित हुए हैं। वहीं कुल 11,184 करोड़ रुपये की परियोजना लागत में से 8004 करोड़ रुपये ऋण सहायता दी गई। उन्होंने बताया कि मंत्री ने जवाब में कहा कि 30 जून तक 3715.84 करोड़ रुपये की ऋण सहायता सहित कुल परिव्यय के रूप में 5636 करोड़ रुपये की राशि अनुमोदित की गई है। सहकारी तथा दुग्ध उत्पादक कंपनी को 1274.16 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया। डीआइडीएफ योजना के तहत केंद्र सरकार प्रतिवर्ष 2.5 प्रतिशत की दर से नियत ब्याज सहायता प्रदान करती है।