गंगा तट पर पलेज की बंपर पैदावार, किसान खुश
जलीलपुर क्षेत्र में गंगा किनारे हजारों हेक्टेयर भूमि में पलेज की खेती हो रही है। ककड़ी लौकी तरबूज व खरबूजे की बंपर पैदावार हुई है। लाकडाउन में फलों की बिक्री पर कोई पाबंदी नहीं होने के कारण खरबूजा व तरबूज 40 से 50 रुपये किलो तक बिक्री हो रहा है। अच्छी पैदावार व सही दाम पर फसल बिकने से पलेज लगाने वाले खुश हैं।
बिजनौर, जेएनएन। जलीलपुर क्षेत्र में गंगा किनारे हजारों हेक्टेयर भूमि में पलेज की खेती हो रही है। ककड़ी, लौकी, तरबूज व खरबूजे की बंपर पैदावार हुई है। लाकडाउन में फलों की बिक्री पर कोई पाबंदी नहीं होने के कारण खरबूजा व तरबूज 40 से 50 रुपये किलो तक बिक्री हो रहा है। अच्छी पैदावार व सही दाम पर फसल बिकने से पलेज लगाने वाले खुश हैं।
हरिद्वार से बिजनौर बैराज व ग्राम स्याली तक गंगा पठार में पलेज की खेती की जाती है। हर वर्ष हजारों लोग गंगा के मैदान में खेती कर लौकी, ककड़ी, तरबूज, खरबूजा व खीरे की फसल उगाते हैं। जलीलपुर क्षेत्र में गंगा के पास इस बार पलेज की बंपर पैदावार है। पलेज में लगे राजू विपिन, लता, रामकली, गुलशेर आदि का कहना है कि इस बार पलेज की खेती में बहार है। जिसके चलते भारी मात्रा में खीरा, ककड़ी, तरबूज की पैदावार हुई। लाकडाउन में फलों की बिक्री पर रोक न लगने से सप्लाई भी आसानी से की जा रही है। इनकी बिक्री बढ़ जाने के कारण दाम भी अच्छे मिल रहे हैं। खरबूजा व तरबूज की 50 रुपये किलो बिक्री हो रही है। इस बार प्लेज लगाने में अच्छा लाभ प्राप्त हो रहा है। गंगा के खादर से निकलकर तरबूज व खरबूजा दूरदराज के शहरों में भी बिक्री होने के लिए जा रहा है। नारनौर के निकट गंगा के किनारे लगी प्लेस में तरबूज व खरबूजे की मिठास दूर-दूर तक प्रसिद्ध है। गंगा किनारे लगी पलेज से हजारों लोगों को रोजगार प्राप्त हो रहा है। - - - - - - -