हर मुश्किल से निपटेंगी फौलादी बेटियां

जेएनएन बिजनौर पढ़ाई के साथ साथ बेटियों को आत्मरक्षा के लिए फौलाद बनाया जाएगा। परिषदीय उ

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 09:47 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 09:47 PM (IST)
हर मुश्किल से निपटेंगी फौलादी बेटियां
हर मुश्किल से निपटेंगी फौलादी बेटियां

जेएनएन, बिजनौर : पढ़ाई के साथ साथ बेटियों को आत्मरक्षा के लिए फौलाद बनाया जाएगा। परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाली बेटियों को जूडो कर्राटे आदि का प्रशिक्षण देकर आत्मरक्षा के प्रशिक्षित किया जाएगा। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शारीरिक अनुदेशक छात्रों को प्रशिक्षण देंगे। इसके लिए मास्टर ट्रेनर द्वारा कोरोना काल से पहले विद्यालयों में कार्यरत शारीरिक अनुदेशकों को प्रशिक्षण दिया गया था। पहले चरण में करीब 100 अनुदेशक स्वयं के विद्यालयों एवं एक पड़ोस के विद्यालय में जूडो-करांटे व लाठी चलाने आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

शासन व प्रशासन की ओर से छात्राओं की सुरक्षा मिशन शक्ति के तहत एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन कर रखा है। स्कूल, कालेजों पर शादी वर्दी में महिला कांस्टेबल की तैनाती रहती है। इसके बाद भी छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं हो जाती है। शासन व विभाग की ओर से छात्राओं को हर मुश्किल से निपटने के लिए उन्हें साहसी बनाया जा रहा है। अब छात्राएं मनचलों को स्वयं इसका जवाब देंगी। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग परिषदीय जूनियर हाईस्कूल की छात्राओं को आत्म सुरक्षा के गुण सिखाएगा। इसके लिए विभाग ने कोरोनाकाल से पहले ही मास्टर ट्रेनरों द्वारा विद्यालयों के शारीरिक शिक्षा के अनुदेशकों को प्रशिक्षण दिला दिया गया था। जिला समन्वय मित्रलाल ने बताया कि अब वह अनुदेशक परिषदीय जूनियर हाईस्कूलों में पढ़ने वाली छात्राओं को प्रशिक्षण देंगे। अनुदेशक छात्राओं को जूडो-कर्राटे, लाठी चलाना आदि सिखाकर आत्मरक्षक बनाएंगे। जनपद में शारीरिक शिक्षा के अनुदेशक करीब 100 है। एक अनुदेशक स्वयं के विद्यालय और पडोस के एक विद्यालय में छात्राओं को जूडे-करांटे सिखाएंगे। प्रत्येक दिन छात्राएं सहपाठी छात्राओं के साथ अभ्यास करेंगी। अफसरों का मनाना है कि इस प्रशिक्षण के बाद छात्राओं में आत्म बल बढ़ेगा और वह साहसी बनाकर मुसीबत का सामना करेंगी। -बोले अफसर

बेटियों को प्रशिक्षण साहसी बनाने के लिए विभाग की ओर से उन्हें जूडो कर्राटे का प्रशिक्षण दिया जाएगा। मास्टर ट्रेनर द्वारा अनुदेशकों को प्रशिक्षित कराया गया। अब अनुदेशक अपने स्कूल और एक पास के स्कूल में पहुंचकर छात्राओं को जूडो-कर्राटे सिखाएं जाएंगे। इस का उद्देश्य छात्राओं को आत्मनिर्भर व सशक्त बनाया जाएगा। ताकि वह अपने सामने आनी वाली हर मुसीबत का डटकर सामना करें और आगे बढ़ती रहे।

- महेश चंद, बीएसए।

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