गंगा में फिर उफान, बाढ़ की आशंका से ग्रामीणों में दहशत

पिछले तीन दिन में पहाड़ों एवं मैदानों में हुई बारिश और भीमगोड़ा बांध (उत्तराखंड) से 1.25 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की वजह से गंगा एवं उसकी सहयोगी नदियों का जलस्तर बढ़ा है। जलस्तर बढ़ने से खादर में बाढ़ का अंदेशा होने की वजह से ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है। वहीं पशुओं के चारे का संकट खड़ा हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 05:30 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 05:30 AM (IST)
गंगा में फिर उफान, बाढ़ की आशंका से ग्रामीणों में दहशत
गंगा में फिर उफान, बाढ़ की आशंका से ग्रामीणों में दहशत

जेएनएन, बिजनौर। पिछले तीन दिन में पहाड़ों एवं मैदानों में हुई बारिश और भीमगोड़ा बांध (उत्तराखंड) से 1.25 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की वजह से गंगा एवं उसकी सहयोगी नदियों का जलस्तर बढ़ा है। जलस्तर बढ़ने से खादर में बाढ़ का अंदेशा होने की वजह से ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है। वहीं पशुओं के चारे का संकट खड़ा हो गया।

पहाड़ों एवं मैदानों क्षेत्रों में पिछले तीन दिन से हो रही बारिश भीमगोड़ा बांध से 27 जुलाई को 80 हजार क्यूसेक, 28 जुलाई को 1.25 लाख क्यूसेक और गुरुवार को सुबह करीब आठ 1.09 लाख क्यूसेक क्यूसेक पानी छोड़ा गया। गंगा का जलस्तर बढ़ने से तहसील सदर और चांदपुर तहसील में गंगा किनारे बसे 48 गांवों के जंगल में तीन से से चार फुट पानी भरा हुआ है। वहीं अभी इन गांवों की आबादी से करीब एक किलोमीटर दूर गंगा बह रही है। इन गांव के पशुपालकों के सामने चारे का संकट खड़ा हो गया है। वहीं रावली में बने रपटे से सटकर मालन नदी का बह रहा है। ग्राम रावली समेत कई अन्य गांवों के जंगल में चार से पांच फुट पानी भरा हुआ है।

बाढ़ चौकियों पर अलर्ट

गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद 36 बाढ़ चौकियां अलर्ट कर दी गई। वहीं आबादी में पानी घुसने की स्थिति में ठहराव के लिए बनाए गए 38 शरणालय में ग्रामीणों के खान-पान और रहन-सहन की व्यवस्था कर दी गई। राजस्व, पुलिस, स्वास्थ्य समेत कई अन्य विभागों के कर्मचारियों की इन बाढ़ चौकियों पर डयूटी लगाई गई है। वहीं प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के ग्राम प्रधानों मोबाइल नंबरों की सूची जारी की गई है, ताकि अफसर लगातार उनके संपर्क में रहें। इसके अलावा जिला मुख्यालय पर एसडीआरएफ और पीएसी के बाढ़ राहत दल की तैनाती कर दी गई।

-इनका कहना है-

बाढ़ चौकियां अलर्ट करने के साथ-साथ लोगों के ठहराव को बनाए शरणालयों में पूरे बंदोबस्त किए गए हैं। जिला मुख्यालय पर एसडीआरएफ और पीएसी के बाढ़ राहत दल कैंप किए हुए हैं।

-विक्रमादित्य मलिक, एसडीएम सदर।

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