मालगाड़ी का वैगन उतरा, एक किमी ट्रैक क्षतिग्रस्त
कोयले से भरी मालगाड़ी के वैगन के चार पहिए ट्रैक से उतर गए।
बिजनौर, जेएनएन: कोयले से भरी मालगाड़ी के वैगन के चार पहिए ट्रैक से उतर गए। इससे करीब एक किलोमीटर ट्रैक बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। मुरादाबाद-सहारनपुर रेल ट्रैक की अपलाइन करीब साढ़े नौ घंटे बाधित रहा। डीआरएम मुरादाबाद ने घटनास्थल का दौरा किया। एक्सिडेंटल रिलीफ ट्रेन से मालगाड़ी को पटरी पर चढ़ाकर रवाना किया गया। इस दौरान कई ट्रेनों के रूट बदल दिए गए।
गुरुवार तड़के 2.50 बजे अपलाइन पर कोयले से भरी मालगाड़ी के बैगन के चार पहिए नगीना-बुंदकी रेलवे स्टेशन के मध्य गांव खुशहालपुर मठेरी के रेलवे क्रॉसिग के पास अचानक उतर गए। बोगी उतरने का ड्राइवर को आभास नहीं हुआ और मालगाड़ी की बोगियां खींचती चली गई, जिससे एक किमी तक रेलवे ट्रैक बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। इसकी सूचना गेटमैन मोहम्मद नाजिम की सूचना पर दीपक कुमार ने कंट्रोल को अवगत कराया। डीआरएम मुरादाबाद तरुण प्रकाश, एडीआरएम अश्वनी कुमार, इलेक्ट्रीशियन जितेंद्र कुमार, सीनियर डीएसओ एके तायल, इंजीनियर अरुण कुमार आदि घटनास्थल पर पहुंचे। एक्सिडेंटल रिलीफ ट्रेन से बोगी को ट्रैक पर चढ़ाकर गुरुवार सुबह 7:30 बजे मालगाड़ी को रवाना किया गया। इसके बाद क्षतिग्रस्त ट्रैक का युद्ध स्तर पर मरम्मत शुरू किया, जिससे अपलाइन की ट्रेनों को पिछले स्टेशनों पर रोक दिया गया। चंडीगढ़ एक्सप्रेस और बरौनी एक्सप्रेस आदि का मुरादाबाद से ही रूट डायवर्ट कर चलाया। दोपहर 12.25 बजे पहली ट्रेन अप लाइन से चलाई गई। डीआरएम मुरादाबाद तरुण प्रकाश ने बताया कि पटरी से बोगी उतरने के कारणों की जांच की जाएगी। स्टेशन पर करते रहे इंतजार, दूसरे रूट से चलाई ट्रेनें
नगीना: रेलवे स्टेशन पर यात्री ट्रेनों का इंतजार करते रह गए और 12231 लखनऊ चंडीगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन व 12523 हरिहर एक्सप्रेस बरौनी अमृतसर समेत अन्य स्पेशल ट्रेन को मुरादाबाद से ही रूट डायवर्ट कर मेरठ-सहारनपुर रूट से निकाला गया है। कार्यवाहक स्टेशन अधीक्षक हरिमोहन मीणा ने बताया अप लाइन रूट से निकलने वाली ट्रेन लिक एक्सप्रेस व यात्री ट्रेन ऋषिकेश पैसेंजर 22 अक्टूबर तक पहले से ही रद है। अप लाइन पर कोई यात्री ट्रेन नहीं थी, डाउन लाइन की ट्रेनों पर किसी भी तरह का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। एक हजार स्लीपर क्षतिग्रस्त
ट्रालीमैन विनोद कुमार ने बताया कि खंभा नंबर 1477/5 से 1478/1 तक लगभग एक किलोमीटर रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त हुआ है, जिसमें लगभग 1000 स्लीपर टूट गए थे, जिनको बदल दिया गया है।