चार पुलिसकर्मियों ने कोरोना को हराकर ज्वाइन की ड्यूटी

कोरोना की जंग लड़ कर आए नहटौर कोतवाली में तैनात एक दारोगा एक महिला कांस्टेबल व दो कांस्टेबलों ने कोरोना की जंग जीत कर पुन अपनी ड्यूटी ज्वाइन कर ली है। इन्होंने बताया कि वे पूरी तरह से स्वास्थ हैं। उन्होंने नागरिकों से हिम्मत से काम लेने की सीख दी है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 11:03 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 11:03 PM (IST)
चार पुलिसकर्मियों ने कोरोना को हराकर ज्वाइन की ड्यूटी
चार पुलिसकर्मियों ने कोरोना को हराकर ज्वाइन की ड्यूटी

जेएनएन, बिजनौर। कोरोना की जंग लड़ कर आए नहटौर कोतवाली में तैनात एक दारोगा, एक महिला कांस्टेबल व दो कांस्टेबलों ने कोरोना की जंग जीत कर पुन: अपनी ड्यूटी ज्वाइन कर ली है। इन्होंने बताया कि वे पूरी तरह से स्वास्थ हैं। उन्होंने नागरिकों से हिम्मत से काम लेने की सीख दी है।

नहटौर कोतवाली में तैनात उप निरीक्षक विक्रांत यादव, महिला कांस्टेबल मंजू दिवाकर, कांस्टेबल राजेश और संदीप पंचायत चुनाव में गैर जनपदों में ड्यूटी करने के लिए गए थे। ड्यूटी से वापस लौटने के बाद इनकी तबीयत खराब होने पर इन्होंने अपनी कोरोना जांच कराई थी। इसमें चारों कोरोना पाजिटिव पाए गए थे। तथा इन चारों को कोतवाली के निकट एचएम इंटर कालेज में बने आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था। वहीं इनका नियमित रूप से उपचार चला। मंगलवार को ड्यूटी पर आए उप निरीक्षक विक्रांत यादव ने बताया कि वे पूरी तरह से स्वस्थ है। बीमारी के दौरान उन्होंने अपनी हिम्मत नहीं छोड़ी तथा धैर्य से काम लेकर लगातार व्यायाम करते रहे तथा अपने आप को उन्होंने कमजोर नहीं समझा। इसी विश्वास के साथ उन्होंने इस जंग को धैर्य रखते हुए जीत लिया। साथ ही उन्होंने बताया उनके साथी की भी इसी तरह धैर्य के साथ कोरोना की जंग लड़ी और उन्होंने भी धैर्य नहीं छोड़ा। उन्होंने नागरिकों से हिम्मत से काम लेने का आह्वान किया। एक महीने में कोरोना संक्रमण से जीती जंग

तिसोतरा निवासी हिदू जागरण मंच के जिला महामंत्री गौरव चिकारा को 15 अप्रैल को गले मे खराश हुई। फिर उन्हें बुखार ने चपेट में ले लिया। लगातार बुखार आने पर उन्होंने जब जिला अस्पताल में आरटीपीसीआर जांच कराई, तो वह जांच में कोरोना संक्रमित पाए गए।

गौरव चिकारा ने बताया कि उन्होंने घबराए बिना स्वयं को होम आइसोलेट कर लिया और परिचित चिकित्सकों से सलाह लेकर उनके उपचार में आए। इसके बाद उनकी माताजी ने उन्हें नीम, अदरक की सुबह-शाम भाप दी। साथ ही आयुर्वेदिक काढ़े का लगातार सेवन कराया। इससे उनकी हालत में लगातार सुधार होने लगा। गौरव बताते हैं कि अब वे पूरी तरह स्वस्थ हैं। हालांकि अभी उनके शरीर में पहले की तरह ऊर्जा नहीं है। कमजोरी महसूस कर रहे हैं, लेकिन अब गले में खराश, बुखार, खांसी नहीं है। उनकी जांच रिपोर्ट भी निगेटिव आ गई है। गौरव कहते हैं कि घबराकर या लापरवाही बरतकर कोरोना नहीं जीता जा सकता है। इसके लिए आराम, संतुलित खानपान, योगाभ्यास और उपचार की आवश्यकता होती है।

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