पानी भरे खेत से फसल काटने को मजबूर किसान
पिछले दिनों हुई तेज बारिश और क्षेत्र से गुजर रही गांगन नदी का जल स्तर बढ़ने से किसानों के खेतों में पानी भर गया है। कई दिन बाद भी पानी नहीं निकलने से किसान पानी भरे खेतों से फसल कटाने को मजबूर हैं। ऊमरी क्षेत्र में भी किसानों की धान व उड़द की फसल नष्ट हो गई है।
बिजनौर, जेएनएन। पिछले दिनों हुई तेज बारिश और क्षेत्र से गुजर रही गांगन नदी का जल स्तर बढ़ने से किसानों के खेतों में पानी भर गया है। कई दिन बाद भी पानी नहीं निकलने से किसान पानी भरे खेतों से फसल कटाने को मजबूर हैं। ऊमरी क्षेत्र में भी किसानों की धान व उड़द की फसल नष्ट हो गई है।
नहटौर के गांव सिजौली व मुनीमपुर के निकट से बहने वाली गांगन नदी का जल स्तर पिछले दिनों हुई तेज बारिश से बढ़ गया था। दोनों गांवों के कई किसानों के खेतों में पानी भर गया है। पानी से तैयार खड़ी धान की फसल बर्बाद हो गई है। हालांकि अब कई दिनों से मौसम साफ है, लेकिन अभी भी खेतों में जलभराव है। ऐसे में बची हुई फसल को पानी भरे खेतों से काटने के लिए किसान मजबूर हैं। किसान महावीर सिंह, नरखेर सिंह, राजकुमार, देवेंद्र राणा, अर्जुन सिंह आदि का कहना है कि अधिकारियों से शिकायत के बावजूद अभी तक मुआवजे के लिए किसी ने उनकी सुध नहीं ली है। लाखों रुपयों की फसल बर्बाद हो गई है। बची हुई फसल को किसी तरह काट रहे हैं।
ऊमरी: गांगन नदी का पानी ऊमरी क्षेत्र में भी आने से कई किसानों की फसल बर्बाद हो गई है। आरोप है कि गांवों में पानी निकासी की उचित व्यवस्था न होने से खेतों में ही पानी भर गया है। बारिश के एक सप्ताह बाद भी खेतों में पानी भरा है, ऐसे में किसान पानी के बीच ही फसल काटने को मजबूर हैं। मोरना, अलीनगर पालनी, खदाना, पाडली मांडू, नवदा, कोट आदि में दर्जनों किसानों का नुकसान हुआ है। धान के साथ उड़द की फसल भी नष्ट हो गई है। एसडीएम धीरेंद्र सिंह का कहना है कि टीम भेजकर जांच कराई जा रही है, रिपोर्ट के बाद ही मुआवजा दिलाया जाएगा।