खादर क्षेत्र में बाढ़ का खतरा, किसान चिंतित

पिछले कई दिनों से निरंतर पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बारिश से गंगा नदी में फिर से जलस्तर बढ़ गया है। गंगा नदी में आए उफान से आधा दर्जन गांवों में फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। वहीं गंगा में जल स्तर बढ़ने से किसान भी चितित हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 11:08 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 11:08 AM (IST)
खादर क्षेत्र में बाढ़ का खतरा, किसान चिंतित
खादर क्षेत्र में बाढ़ का खतरा, किसान चिंतित

जेएनएन, बिजनौर। पिछले कई दिनों से निरंतर पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बारिश से गंगा नदी में फिर से जलस्तर बढ़ गया है। गंगा नदी में आए उफान से आधा दर्जन गांवों में फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। वहीं, गंगा में जल स्तर बढ़ने से किसान भी चितित हैं।

शिवालिक की पहाड़ियों व मैदानी क्षेत्रों में हो रही बारिश से गंगा नदी में एक बार फिर उफान आ गया है। गंगा में आए उफान को देखकर खादर क्षेत्र के ग्राम रायपुर, सीकरी, बलिया नंगली, नारनौर, दतियाना व सुजातपुर खादर आदि गांवों में बाढ़ का खतरा फिर से मंडराने लगा है। पानी अभी गंगा से निकलकर बाहर नहीं आया है, लेकिन ग्रामीणों को अभी से ही बाढ़ का खतरा सताने लगा। ग्रामीण लाखन सिंह, कुलदीप, दुष्यंत, करतार सिंह आदि का कहना है कि गंगा का पुल बनने से खादर क्षेत्र के कई गांवों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गत 20 जून को गंगा से निकलकर आए पानी से कई कई गांवों में बाढ़ आ गई थी, जिसमें हजारों हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई थी। यदि दोबारा बाढ़ आई तो बची हुई फसल भी नष्ट हो सकती है। खादर क्षेत्र के ग्रामीण गंगा का रौद्र रूप देखकर भयभीत हैं।

रपटे पर तीन फीट पानी, संपर्क टूटा

बारिश से गंगा और मालन नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है। मालन रपटे पर पानी आने से दर्जनों गांव का संपर्क कट गया है। ग्रामीण नाव से दैनिक जरूरतों को पूरा कर रहे हैं।

खादर के ग्राम रावली शहजादपुर रपटे पर मालन नदी बह रही है। रपटे पर तीन फीट के करीब पानी बह रहा है। इससे ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण अपनी दैनिक जरुरतों को पूरा करने के लिए नाव का सहारा ले रहे हैं। मालन रपटे पर दो नाव चल रही है। रपटा पार करने के नाव चालक 10 से 50 रुपये तक वसूल रहे हैं। हजारों बीघा फसल जलमग्न हो गई है। उधर, गंगा माता भंगा कालोनी के सामने गंगा के बाएं तटबंध पर कटान कर रही है। इसे लेकर गंगा किनारे बसे लोगों की चिता बढ़ गई है। कुछ दिन पहले मिट्टी से भरे कट्टे व पत्थर डाले गए थे, जो गंगा में समा गए।

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